Lalitpur Gang Rape: ललितपुर रेप मामले में एडीजी का बड़ा एक्शन, पाली थाने के सभी पुलिसकर्मी निलंबित

Lalitpur Gang Rape: उत्तर प्रदेश के ललितपुर में पुलिसकर्मी की दरिंदगी देखने को मिली है। जहां पर गैंगरेप पीड़िता का बयान लेने के बहाने थानाध्यक्ष उसका रेप किया।

Published By :  Shreya
Update:2022-05-04 11:06 IST

क्राइम (कॉन्सेप्ट फोटो- न्यूजट्रैक)

Lalitpur Gang Rape: उत्तर प्रदेश के ललितपुर के पाली थाने में नाबालिग से हुए रेप मामले में ADG कानपुर जोन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पाली थाने के सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की जांच डीआईजी झांसी जोगेंद्र कुमार को सौंप दी है। एडीजी ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई के आदेश दिया है। बता दें कि इस केस में पहले ही ललितपुर एसपी ने थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया था। अब एडीजी ने पूरे थाने को निलंबित किया है।

दूसरी ओर थोड़ी देर में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं। उससे पहले एडीजी जोन ने मामले में बड़ा एक्शन लिया है। बता दें कि जिले के पाली थाना क्षेत्र (Pali Thana Chetra) में एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। यहां पर 13 साल की नाबालिक लड़की से थाना प्रभारी समेत 6 लोगों पर गैंगरेप (Gang Rape) का आरोप लगा है। मामले का खुलासा होने के बाद चाइल्डलाइन ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की। एसपी ने घटना पर संज्ञान लेते हुए पाली थाना इंचार्ज को सस्पेंड (Pali Police Station Incharge Suspended) कर उनके खिलाफ धारा 363, 376 , 376 बी, 120 बी, पास्को एक्ट (POCSO Act) और एससी एसटी (SC-ST) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

क्या है पूरी घटना?

बता दें ललितपुर जिले के पाली थाना क्षेत्र की रहने वाली एक 13 साल की किशोरी को उसके गांव के चार लड़कों ने बहला-फुसलाकर 22 अप्रैल को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लेकर पहुंचे। यहां 3 दिनों तक चारों युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया और फिर उसे पाली लाकर छोड़ कर फरार हो गए। जब वह पाली थाना इंचार्ज के पास पहुंची तो उसकी मौसी के साथ एसएचओ ने उसे चाइल्डलाइन भेज दिया। इसके 2 दिन बाद थानाध्यक्ष ने फिर पीड़िता को थाने बुलाया। जहां बयान लेने के बहाने एक कमरे में ले जाकर उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया और फिर उसकी मौसी के साथ चाइल्डलाइन भेज दिया गया।

बच्ची की काउंसलिंग के दौरान जब चाइल्डलाइन के कर्मचारियों को उसने पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक प्रशांत पाठक से की गई। मामला पुलिसकर्मियों से जुड़ा हुआ था लिहाजा एसपी ने बिना देरी किए इस पर एक्शन लिया और थाना इंचार्ज तिलकधारी सरोज को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया। वहीं इस मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी भी कर ली गई है। बचे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है। 

आरोपी निरीक्षक का पहले भी रहा है विवादों से नाता

वर्ष 2021 को निरीक्षक तिलकधारी सरोज जब कोतवाली सदर में द्वितीय अफसर थे। तब आरएसएस व समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष के बीच बाद विवाद हो गया था। इस पर आरएसएस कार्यकर्ता जब शिकायत करने के लिये कोतवाली सदर आये थे तो यहाँ पर द्वितीय अफसर के रूप में तैनात तिलकधारी सरोज ने उन लोगों के साथ गाली गलौज और अभद्रता की थी। जिसकी शिकायत एसपी से की गयी थी। तब एसपी ने तिलकधारी सरोज को लाइन हाजिर कर दिया था।

10 अक्टूबर 2021 को थाना पाली अन्तर्गत ग्राम डुंगरिया में दबंगों ने एक सहरिया आदिवासी के घर में घुसकर तोडफोड़ की और सामान सहित घर में आग लगा दी थी। जिसे घर व उसके अंदर रखा सामान जलकर नष्ट हो गया था। उक्त मामला उस समय काफी सुर्खियों में रहा था। आदिवासी युवक पर लोधी समाज की एक लडकी को भगा ले जाने का आरोप था। इस मामले में भी थाना पाली प्रभारी निरीक्षक तिलकधारी सरोज की भूमिका संदिग्ध पायी गयी थी।

वहीं, मामले में पुलिस अधीक्षक ललितपुर निखिल पाठक का कहना है कि एक नाबालिग किशोरी ने थाना पाली प्रभारी निरीक्षक पर दुष्कर्म करने के आरोप लगाते हुये शिकायती पत्र दिया। जिस पर आरोपी थाना प्रभारी निरीक्षक सहित आधा दर्जन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी प्रभारी निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। पीडि़ता का चिकित्सकीय परीक्षण कराते हुये 161 के बयान कराये जायेगें। मामले की जाँच करायी जा रही है। जाँच में जो भी तथ्य सामने आयेगें। उसके अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

सपा का सरकार और पुलिस पर हमला

इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार और यूपी पुलिस पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा 'योगी जी की पुलिस निरंकुश हो चुकी है, चंदौली में एक मासूम बेटी के साथ रेप और हत्या के आरोपों के बाद यूपी की योगी जी की पुलिस पर ललितपुर के पाली में पुलिसवालों द्वारा सामूहिक बलात्कार का आरोप लगा है'। वसूली, हत्या, अपहरण, फिरौती के बाद अब यूपी पुलिस रेप और गैंगरेप भी करने लगी है।

फिलहाल इस घटना लेकर विपक्ष भले ही सवाल उठा रहा हूं लेकिन योगी सरकार किसी भी दोषियों को बख्शने के मूड में नहीं है एसपी ने मामले में आरोपी थाना इंचार्ज को सस्पेंड कर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है और इस पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। लेकिन जिस तरह से चंदौली के बाद अब ललितपुर में पुलिस पर दाग लगे हैं उससे कहीं न कहीं यूपी पुलिस की छवि धूमिल हुई है।

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