सावधान- शरीर में खून की कमी है तो हो सकता है आपको कैंसर, तुरंत पहुंचे KGMU
आमतौर पर कोई भी आदमी अपने शरीर में खून की कमी और हड्डियों के कमजोर होने की शिकायत को लेकर सीरियस नहीं होता है। जब स्वास्थ्य संबंधित ऐसी किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है तो वह जूस और विटामिन की गोलियों का सहारा लेते हैं। ऐसा करने से उनकों ल
लखनऊ:आमतौर पर कोई भी आदमी अपने शरीर में खून की कमी और हड्डियों के कमजोर होने की शिकायत को लेकर सीरियस नहीं होता है। जब स्वास्थ्य संबंधित ऐसी किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है तो वह जूस और विटामिन की गोलियों का सहारा लेते हैं। ऐसा करने से उनकों लगता है कि वह ठीक हो सकते हैं।लेकिन इस तरह की सोच रखने वाले लोगों के लिए यह खबर बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि ऐसी परेशानियों से जूझ रहे व्यक्ति को कैंसर भी हो सकता है और उसकी जान भी जा सकती है। इस जानलेवा बीमारी का नाम है मायलोमा। तो आइए newstrack.com आपको इस बीमारी के बारे में विस्तृत रूप से बता रहा है कि क्या कहते हैं इनके विशेषज्ञ और कैसे आप इस खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं।
केजीएमयू के कार्यक्रम में डॉक्टरों ने किया रूबरू
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के 10वां तीन दिवसीय एलटीएलएस प्रोवाइडर प्रोग्राम के समापन पर दिल्ली से लेकर वाराणसी के वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हुए। जिसमें उन्होंने अपनी राय रखी और लोगों को मीडिया के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया। इस मौके पर केजीएमयू के क्लीनिकल हिमेटोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ ए के त्रिपाठी ने बताया कि मायलोमा जो कि एक प्रकार का कैंसर है। ये अलग अलग रूप में आता है और इसको पहचानना भी काफी मुश्किल होता है। इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। गुर्दे में खराबी आती है और मरीज के शरीर मे खून की भी कमी हो जाती है। तब वह विशेषज्ञ के पास आता है। जो कि शायद आखिरी अवस्था होती है। इसकी पहचान के लिए एक रक्त जांच होती है जो कि मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। इसलिए उन्होंने बताया कि ऐसी किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर लोगों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत आवश्यक जांच करवानी चाहिए।
ऐसे होती है जांच
मायलोमा बीमारी की पहचान के लिए केजीएमयू में जांच उपलब्ध है। विशेष प्रकार के पैरा प्रोटीन की जांच की जाती है। इसके उपचार में कीमोथेरपी का उपयोग नही किया जाता है इसलिए इसे कीमोथेरेपी मुक्त इलाज भी कहा जाता है।