BHU: शिक्षकों ने फिरोज खान की नियुक्ति पर राष्ट्रपति को लिखा पत्र, की ये बड़ी मांग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय(बीएचयू) के शिक्षकों ने डॉ. फिरोज खान की संस्कृत संकाय में नियुक्ति को रद्द करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है। शिक्षक संस्कृत संकाय में गैर हिंदू की नियुक्ति पर विरोध कर रहे हैं।

Update: 2019-12-06 10:11 GMT

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय(बीएचयू) के शिक्षकों ने डॉ. फिरोज खान की संस्कृत संकाय में नियुक्ति को रद्द करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है। शिक्षक संस्कृत संकाय में गैर हिंदू की नियुक्ति पर विरोध कर रहे हैं।

राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के धार्मिक साहित्य विभाग में गैर हिन्दू की नियुक्ति बीएचयू के संस्थापक मालवीय जी की भावनाओं, काशी की विद्वत परंपरा तथा बीएचयू के एक्ट और परंपरा के विरुद्ध है। ऐसा पिछले सौ साल के बीएचयू के इतिहास में कभी नहीं हुआ। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि भूलवश हुई नियुक्ति को रद्द करने के लिए बीएचयू प्रशासन को निर्देशित करें।

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बता दें कि डॉ. फिरोज की संस्कृत विभाग में नियुक्ति को लेकर बीएचयू में लंबे समय से विवाद और विरोध हो रहा है। बीएचयू कार्यकारिणी के एक सदस्य का कहना है कि डॉ फिरोज खान के एसवीडीवी के साहित्य विभाग में नियुक्ति के विरोध में धरना-प्रदर्शन के साथ ही नियम और पारदर्शिता आदि को लेकर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगने से विश्वविद्यालय की छवि पर प्रभावित हुई है। स्थानीय स्तर से लेकर देश भर में बीएचयू को लेकर खूब बयानबाजी भी हुई।

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उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगना बहुत जरूरी है, इसके लिए कार्यकारिणी के सदस्य पुरजोर तरीके से इस मुद्दे पर बहस करेंगे। जहां तक इस सत्र में हुई नियुक्तियों का मामला है तो कुलपति ने 30 नवंबर तक हुए साक्षात्कार के लिफाफे खोले जाने की अनुमति कार्यकारिणी से ली थी। इसके बाद हुए साक्षात्कारों के परिणाम भी बैठक में कार्यकारिणी की मुहर लगने के बाद ही जारी होंगे।

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अब सभी की नजरें दिल्ली में सात दिसंबर को होने वाली बैठक पर टिकी है। बैठक इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि इसमें कला संकाय के संस्कृत विभाग में 4 दिसंबर को हुए फिरोज खान के साक्षात्कार का लिफाफा भी खोला जाना है। साथ ही 30 के पहले जिन विभागों के लिफाफे खुल गए हैं, उन पर भी कार्यकारिणी की मुहर लगनी है।

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