Sonbhadra News: 14 वर्ष पूर्व दहेज के लिए की थी जुलेखा की हत्या, मिट्टी का तेल छिड़क लगाई थी आग, पति, देवर और सास को उम्रकैद
Sonbhadra News: ओबरा में साढ़े 14 वर्ष पूर्व दहेज में बाइक न मिलने पर मिट्टी तेल छिड़ककर विवाहिता को जिंदा जलाने के मामले में पति, देवर और सास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
Sonbhadra News: ओबरा में साढ़े 14 वर्ष पूर्व दहेज में बाइक न मिलने पर मिट्टी तेल छिड़ककर विवाहिता को जिंदा जलाने के मामले में पति, देवर और सास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए उम्रकैद की सजाई। तीनों दोषियों पर 10-10 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया है।
पुलिस ने पांच के खिलाफ दर्ज किया था केस
बताते चलें कि दुद्धी क्षेत्र की रहने वाली जुलेखा की ओबरा क्षेत्र के आफताब से शादी हुई थी। इस मामले में दुद्धी कोतवाली क्षेत्र निवासी भाई मुजीबुर्रहमान की तहरीर पर ओबरा थाने में केस दर्ज कर विवेचना की गई थी और मामले में पति आफताब, देवर महताब और सास शहजादी सहित पांच के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान आफताब, महताब और शहजाद को दोषी पाया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
पहुंचा फोन तब भाई को हुई मामले की जानकारी
वर्ष 2008 में मुजीबुर्रहमान ने ओबरा थाने में दी तहरीर में कहा था 8 वर्ष पूर्व उसकी बहन जुलेखा बानो की शादी ओबरा चूड़ी गली निवासी आफताब पुत्र हमीद अली के साथ हुई थी। शादी के बाद उसकी बहन अपनी ससुराल गई तो पहले ठीक था, लेकिन बाद में दहेज में बाइक की मांग को लेकर पति, देवर, सास व दोनों ननदें उसकी बहन को प्रताड़ित करने लगी। इसको लेकर कई बार पंचायत भी हुई लेकिन स्थिति नहीं सुधरी। 5 मई 2008 को भोर में साढ़े तीन बजे उसके पास फोन आया कि उसके बहन की हालत गंभीर है। वहां पहुंचा तो पता चला कि उसकी बहन जुलेखा बानो के साथ ससुराल वालों ने मारपीट की और मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया। अस्पताल जाकर देखा तो बहन झुलस चुकी थी। ओबरा से उसे वाराणसी रिफ़र किया गया, जहां जाते वक्त मौत हो गई।
जेल में बिताई गई अवधि सजा में होगा समाहित
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने सुनवाई के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के साथ ही, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के बयानों का परिशीलन के बाद उपरोक्त सजा सुनाई। यह भी निर्णय पारित किया कि जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित रहेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने मामले की पैरवी की।