Azamgarh By Election: क्यों नहीं आ रहे हैं अखिलेश यादव आजमगढ़, आइए जाने इसकी वजह

Azamgarh By Election: आजमगढ सीट पर अखिलेश यादव का अबतक चुनाव प्रचार के लिए न आना सपाईयों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।

Update:2022-06-18 11:13 IST

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Social media)

Loksabha By Election: प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में जहां रामपुर सीट पर मो आजम खां चलते इसे फिर से समाजवादी पार्टी की झोली में डालने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं आजमगढ सीट पर अखिलेश  यादव का अबतक चुनाव प्रचार के लिए न आना सपाईयों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। 

चुनाव प्रचार में अब केवल तीन दिन नही बचे हैं और आज मो आजम खां वहां जा रहे है। जबकि समाजवादी पार्टी के  प्रत्याशी और अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव आजमगढ में लगातार डेरा जमाए हुए हैं। अबू आजमी पहले ही मुम्बई से यहां आकर प्रचार कर चुके हैं।  आजम खां अपने बेटे अब्दुल्ला के साथ मुबारकपुर और बिलरियागंज में आज धर्मेन्द्र यादव के लिए चुनाव प्रचार करेगें पर अखिलेश यादव का न आना कार्यकर्ताओं के बीच सवाल के घेरे में हैं। इसके पहले सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी षुक्रवार को यहां प्रचार करने पहुंचे थें।

बीजेपी का दावा अखिलेश यादव आने से डर रहे

वहीं दूसरी तरफ विरोधी दलों ने इस चुनाव में अखिलेश यादव का एक वीडियो वायरल कर दिया है जिसमें वह अपने एक समर्थक के माला पहनाए जाने पर उसे उतारकर गुस्से में फेंक देते हैं। यह वीडियो 28 अक्टूबर 2021 का बताया जा रहा है।  वीडियो में अखिलेश यादव अपने एक समर्थक के माला पहनाने पर उस माला का तोड़ते आगे निकलते दिखाई पड़ रहे हैं। भाजपा के लोग दावा कर रहे हैं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इसी कारण यहां आने से डर रहे हैं और इसीलिए खुद न आकर पार्टी के दूसरे नेताओं को यहां भेज रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि  23 जून को उपचुनाव होंगे, जबकि 26 जून को नतीजे आएंगे। आजमगढ़ लोकसभा सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव सांसद थे।  करहल विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने आजमगढ़ की सांसदी से इस्तीफा दे दिया था। इस लोकसभा क्षेत्र में करीब 19 लाख मतदाताओं में से साढ़े तीन लाख से अधिक यादव, तीन लाख से ज्यादा मुसलमान और करीब तीन लाख दलित हैं।  अब तक के 19 चुनावों में 13 बार यादव बिरादरी के उम्मीदवार को जीत दिलाने वाले आजमगढ़ के इतिहास में छिपे चिंता के सबक को सपा पढ़ने में जुटी है। इससे पहले 1978 और 2009 के उपचुनाव में यहां से मुस्लिम चेहरे को ही नुमाइंदगी मिली है। इस सीट पर इस बार बसपा के गुड्डू जमाली भी भाजपा के दिनेश  लाल यादव निरहुआ और सपा के धर्मेन्द्र यादव को जबर्दस्त टक्कर देने के मूड में हैं।

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