Lucknow Air Pollution: नहीं सुधर रही लखनऊ की आबोहवा, 294 पर पहुंचा AQI

Lucknow Air Pollution: लखनऊ और इससे सटे इलाकों में चलने वाले ऐसे उद्योगों के संचालन पर रोक लगा दी गई है, जो सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-11-07 03:36 GMT
लखनऊ एयर क्वालिटी (फोटो: Newstrack )

Lucknow Air Pollution: यूपी की राजधानी लखनऊ की आबोहवा में कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। सोमवार सुबह राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 294 दर्ज किया गया जो कि खराब श्रेणी में आता है। तालकटोरा, लालबाग और बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी जैसे इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक अब भी काफी बिगड़ा हुआ है।

लखनऊ और इससे सटे इलाकों में चलने वाले ऐसे उद्योगों के संचालन पर रोक लगा दी गई है, जो सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। उद्योगों पर नकेल कसने के बाद सरकार अब खेतों में पराली जलाए जाने पर सख्त एक्शन लेने जा रही है। क्योंकि वेस्ट यूपी के कई जिलों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है।

रेड जोन घोषित किए गए इलाकों का हाल

लखनऊ के तालकटोरा और लालबाग इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले एक हफ्ते में सबसे अधिक देखा गया। जिसके बाद इन इलाकों को रेड जोन घोषित कर दिया गया। यहां चलने वाले उद्योगों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। तालकटोरा में एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। हालांकि, अब स्थिति में सुधार आ रहा है। सोमवार को तालकटोरा का एक्यूआई 223 और लालबाग का एक्यूआई 190 दर्ज किया गया।

बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0 से 100 के बीच अच्छा माना जाता है। जबकि 100 से 200 के बीच मध्यम, 200 से 300 के बीच खराब, 300 से 400 के बीच बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर के स्तर को गंभीर माना जाता है।

पराली जलाने वाले किसानों को लगेगा जुर्माना

यूपी सरकार प्रदेश के पश्चिमी जिलों में पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार किसानों पर जुर्माना लगाने, अनाधिकृत कृषि उपकरणों को जब्त करने और आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की सोच रही है। सरकार पूर्व में पराली जलाए जाने को लेकर किसानों के बीच जागरूकता अभियान चला चुकी है, जिसके अपेक्षित नतीजे न आने के बाद कठोर निर्णय लेने के बारे में विचार किया जा रहा है।

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