अखिलेश यादव का CM से सवाल, क्या UP में सरकार नाम की कोई संस्था भी है
अखिलेश यादव ने कहा कि सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान, न दलित, न सवर्ण, न पिछड़े, न अल्पसंख्यक, न नौजवान, न पत्रकार सुरक्षित हैं।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अत्याचार, भ्रष्टाचार और अनाचार पर कहीं कोई नियंत्रण नहीं है। लगता नहीं है कि यूपी में सरकार नाम की कोई संस्था भी है। उन्होंने कहा कि सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान, न दलित, न सवर्ण, न पिछड़े, न अल्पसंख्यक, न नौजवान, न पत्रकार सुरक्षित हैं। सुरक्षित हैं तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग जिसे न कानून की परवाह है और न ही लोकलाज की।
अखिलेश ने यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को यूपी की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जौनपुर में पुलिस की मौजूदगी में दलितों पर दबंगों ने गोलियां बरसाईं, लाठी-डंडो से पीटा। कासगंज में दबंगों ने रेप किया और पुलिस ने पीड़िता के परिजनों का ही उत्पीड़न किया। गाजियाबाद में पत्रकार पर बदमाशों ने हमला कर गोली मार दी। दो दिन पहले उन्होंने अपने ऊपर हमले की आशंका जताते हुए पुलिस से शिकायत की थी लेकिन पुलिस निष्क्रिय बनी रही। लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में दो सगी नाबालिग बहनों को पहले अगवा किया गया फिर उनके साथ गैंगरेप किया गया।
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पुलिस ने 18 घंटे बाद रिपोर्ट लिखी उसमें भी जबरन तहरीर बदलवा दी और दबाव बनाने के लिए पीड़िता के परिवार वालों को ही कोतवाली में बैठाए रखकर परेशान किया गया। अखिलेश ने कहा कि सत्ता के संरक्षण में शराब तस्करी, अवैध खनन और दूसरे अपराध खूब पनप रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की मदद के बजाए शराब तस्करी में भाजपाई व्यस्त हो गए हैं। कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर के बाद किशनी में भाजपा का सेक्टर संयोजक अवैध शराब का धंधा करते पकड़ा गया। मेरठ के थाना रोहटा के डूंगर गांव में नकली जहरीली शराब पीने से 02 लोगों तेजवीर तथा सुधीर की मौत हो गई और पांच लोग मेरठ के अस्पताल में भर्ती हैं। आबकारी विभाग और पुलिस की लापरवाही तथा शराब के अवैध धंधेबाजो की मिलीभगत से लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ हो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
भाजपा सरकार महाभ्रष्ट, जनता पर पड़ रही चौतरफा मार- अखिलेश
सपा मुखिया ने भाजपा सरकार पर कोरोना महामारी के प्रति भी गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि संकट के इन दिनों में भी 20 दिन से ज्यादा समय से चिकित्सा स्वास्थ्य का महानिदेशक पद खाली है। सरकार एक योग्य महानिदेशक का चयन तक नहीं कर सकी है। जब विभाग में मुखिया ही नही है तो कामकाज कैसे चुस्त-दुरूस्त होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एहसास तो अब मुख्यमंत्री की टीम-11 के अफसरों को भी हो गया है।
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एम्बुलेंस सेवा हांफ रही है, अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है, डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती रूकी हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को महाभ्रष्ट करार देते हुए कहा कि उसके कार्यकाल में जनता पर चैतरफा मार पड़ रही है। मंहगाई, बीमारी और सरकारी उदासीनता ने जिन्दगी दूभर कर दी है। मुख्यमंत्री को नए-नए आदेश जारी करने के बजाय निष्पक्ष ढंग से हालात का जायजा लेना चाहिए, केवल बयानबाजी से प्रदेश का भला नहीं होने वाला।