Lucknow News: KGMU व लोहिया PG मेडिकोज की पहली च्वाइस, अभी तक लॉक सीटें, रेजिडेंट्स में जमकर आक्रोश

Lucknow News: अभी तक केजीएमयू और लोहिया संस्थान में सीनियर रेजिडेंट की सभी सीटें लॉक है। इससे यहां के सभी विभागों में सीनियर रेजिडेंट की तैनाती नहीं हो पा रही है।

Report :  Shashwat Mishra
Update:2022-08-28 12:20 IST

KGMU व लोहिया अस्पताल (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Lucknow News: किसी भी मेडिकल कॉलेज से पीजी की डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को एक से तीन साल तक सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम करना अनिवार्य होता है। इसके बाद ही सरकारी मेडिकल संस्थान में चिकित्सक शिक्षक भर्ती के मानक को पूरा करते हैं। पीजी काउंसिलिंग से मेडिकल संस्थान में सीनियर रेजिडेंट की तैनाती की जा रही है। इसके बाद भी अभी तक केजीएमयू और लोहिया संस्थान में सीनियर रेजिडेंट की सभी सीटें लॉक है। इससे यहां के सभी विभागों में सीनियर रेजिडेंट की तैनाती नहीं हो पा रही है। जिससे पीजी डॉक्टरों में आक्रोश व्याप्त है।

केजीएमयू में 106 व लोहिया में 40 से ज़्यादा पद

पीजी की पांच दिन से काउंसलिंग चल रही है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के मेडिकल संस्थानों में लगभग 1400 पीजी की सीटें है। केजीएमयू में 106 सीनियर रेजिडेंट के पद हैं। वहीं, लोहिया संस्थान में भी सीनियर रेजिडेंट 40 से अधिक पद तैनात किये जा सकते हैं। पीजी की डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को बांड के तहत, दो वर्ष के लिए सीनियर रेजिडेंट के पद पर मेडिकल संस्थानों में तैनाती मिलती है। प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल संस्थानों में सीनियर रेजिडेंट को काउंसिलिंग के माध्यम से तैनात किया जा रहा है। लेकिन, केजीएमयू और लोहिया संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टरों की सभी सीटें नहीं खोली गई है।

पीजी मेडिकोज की पहली च्वाइस केजीएमयू-लोहिया

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केजीएमयू व लोहिया संस्थान पीजी मेडिकोज की पहली च्वाइंस होता है। सभी टॉपर इन दोनों संस्थानों में रहना चाहते है और सीटें पल भर में लॉक हो जाती हैं। ऐसे में छोटे जनपदों के मेडिकल संस्थान में सीटें खाली रह जाती है। दूरदराज के मेडिकल संस्थान में प्राथमिकता के आधार पर सीनियर रेजिडेंट भर्ती किए जाएंगे। जिससे दूरदराज के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। अगर छोटे - छोटे जनपदों के मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट तैनात हो गये, तो वहां की चिकित्सा गुणवत्ता सुधरेंगी। इससे केजीएमयू, लोहिया में मरीजों का वर्क प्रेशर भी कम होगा।

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