Chandra Grahan 2022: लखनऊ में इतने बजे से लग रहा चंद्रग्रहण, इस मंत्र का जरूर करें जाप

Lucknow Chandra Grahan ka samay: आइए लखनऊ के लोगों की परेशानी दूर करते हुए बताते हैं कि लखनऊ में चंद्रग्रहण कब लग रहा है और चंद्रग्रहण के दौरान किस मंत्र का जप करना लाभकारी होता है।

Report :  Vidushi Mishra
Update: 2022-11-08 11:30 GMT

चंद्रग्रहण (फोटो- सोशल मीडिया)

Lucknow Chandra Grahan 2022: इस साल 2022 में 8 नवंबर को चंद्रग्रहण लग रहा है। बता दें, अभी 15 दिन पहले ही सूर्यग्रहण लगा था, वहीं अब चंद्रग्रहण के तुरंत पड़ने की वजह से लोगों के मन में डर बना हुआ और बहुत से संदेश भी है। इस दिन ग्रहण के दिन ही देव-दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा भी है तो इसलिए लोगों को शंका है कि अब कैसे करें पूजा। क्योंकि ग्रहण के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। दरअसल ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है न ही ग्रहण के दौरान कोई शुभ कार्य किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान भगवान पर कष्ट पड़ते हैं इसलिए ग्रहण के दौरान भगवान का नाम लेना चाहिए, आराधना करनी चाहिए और मंत्र का जाप करना चाहिए। तो आइए लखनऊ के लोगों की परेशानी दूर करते हुए बताते हैं कि लखनऊ में चंद्रग्रहण कब लग रहा है और चंद्रग्रहण के दौरान किस मंत्र का जप करना लाभकारी होता है।

लखनऊ में चंद्रग्रहण लगने का समय (Lucknow Chandra Grahan ka samay)

लखनऊ में चंद्रग्रहण से पहले लगने वाले सूतक का समय- सूतक काल सुबह 8:30 बजे से लगेगा।

लखनऊ में चंद्रग्रहण शुरू- 8 नवंबर को शाम 5:20 बजे से लग जाएगा

लखनऊ में चंद्रग्रहण समाप्त- 8 नवंबर को शाम 7:00 बजे 

मोक्ष काल- शाम 6:19 बजे

चंद्रग्रहण के दिन क्या उपाय करें (Chandra Grahan ka Upay)

चंद्रग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल से ही कुछ उपाय कर लेने चाहिए। इसमें सूतक लगने से पहले ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़ कर रखी हुई तुलसी की पत्तियों को उसमें डाल देना चाहिए। पानी-खाना हर चीज में खाने वाली में तुलसी की पत्ती डाल देनी चाहिए।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि चंद्रमा महादेव के सिर पर विराजमान है। इसलिए शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि चंद्र मंत्र का जाप करने से चंद्रग्रहण का प्रभाव लोगों के जीवन कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है। इसलिए चंद्रमंत्र का जाप करें।

चंद्रमंत्र- ऊँ सोमाय नम:

चंद्रग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करें।

चंद्रग्रहण समाप्त हो जाने के बाद घर का और घर के मंदिर का शुद्धिकरण हो जाने के बाद गंगाजल का छिड़काव जरूर करें। इसके बाद भगवान को भोग लगाकर आरती जरूर करें।

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