BSE में लिस्ट हुआ लखनऊ नगर निगम बाॅन्ड, जानिए इसके बारे में पूरी डिटेल्स

सीएम योगी ने कहा कि कोरोना के समय में, लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ रुपये के नगरपालिका बॉन्ड की लिस्टिंग के साथ 'आत्मनिर्भर' लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। निगम अपने अधिकार क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 

Update: 2020-12-02 06:04 GMT
BSE में लिस्ट हुआ लखनऊ नगर निगम बाॅन्ड, जानिए इसके बारे में पूरी डिटेल्स

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मुंबई स्थित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के कार्यालय में घंटी बजाकर लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में शामिल किया। अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की सूची में लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड भी सूचीबद्ध हो गया। बता दें कि लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड 200 करोड़ रुपये का है। लखनऊ नगर निगम बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है।

लखनऊ नगर निगम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि कोरोना के समय में, लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ रुपये के नगरपालिका बॉन्ड की लिस्टिंग के साथ 'आत्मनिर्भर' लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। निगम अपने अधिकार क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उत्तर प्रदेश बनेगा 'उद्यम प्रदेश'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि कोरोना काल में यूपी की इंवेस्टर्स फ्रेंडली नीतियों से देश-विदेश की 52 कंपनियों ने प्रदेश में 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश करने में रुचि दिखाई। सीएम योगी का मुंबई दौरा भी प्रदेश को 'उद्यम प्रदेश' बनाने के प्रयासों का एक हिस्सा है।

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बॉन्ड का फायदा सीधे शहरवासियों को मिलेगा

लखनऊ नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कहना है कि म्यूनिसिपल बॉन्ड का फायदा सीधे शहरवासियों को मिलेगा। प्रदेश सरकार, लखनऊ नगर निगम की उपलब्धि का अनुकरण करने के लिए राज्य के अन्य स्थानीय निकायों को भी प्रोत्साहित करने की तैयारी में है। बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को राज्य की राजधानी में विभिन्न बुनियादी ढांचागत योजनाओं में निवेश किया जाएगा।

लखनऊ नगर पालिका बॉन्ड का शुभारंभ, निवेश को लेकर चर्चा

इससे पहले बताया गया कि मुख्यमंत्री योगी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 200 करोड़ रुपये के लखनऊ नगर पालिका बॉन्ड का शुभारंभ करने के साथ ही औद्योगिक घरानों से उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर चर्चा करेंगे। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया दो दिसंबर को मुख्यमंत्री की ओर से बीएसई में लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड लॉन्च करने के साथ ही नगर विकास विभाग में एक बड़े बदलाव की शुरुआत हो जाएगी।

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इन शहरों के नगर निगम के भी बॉन्ड जल्द किये जायेंगे जारी

लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड को मिलने वाली रेटिंग को देखते हुए अब गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और आगरा नगर निगमों के भी बॉन्ड जारी किए जाएंगे। आगामी तीन महीने में गाजियाबाद नगर निगम का बॉन्ड जारी कर दिया जाएगा। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में देश के जाने-माने उद्यमियों से मुंबई में चर्चा भी होगी।

बॉन्ड पर निवेशकों को 8.5 फीसदी का मिलेगा वार्षिक ब्याज

मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड पर निवेशकों को 8.5 फीसदी का वार्षिक ब्याज दिया जाएगा। बॉन्ड की परिपक्वता अवधि 10 साल है। बॉन्ड की लिस्टिंग के बाद देश के साथ-साथ दुनियाभर से निवेश के अवसर खुलेंगे। वित्तीय एजेंसियों की तरफ से बॉन्ड को अच्छी रेटिंग दी गई है। देश के तमाम इलाकों में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। इससे सरकार के समक्ष बुनियादी ढांचा विकास के लिए पैसे जुटाने की जरूरत होती है। ऐसे में म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए सस्ती दर पर कर्ज जुटाया जाता है।

यहां जानें क्या होता है बॉन्ड

यहां आपको बता दें कि बॉन्ड एक तरह का साख पात्र होता है, जिसके माध्यम से विभिन्न स्रोतों से धन जुटाया जाता है। बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित अवधि के लिए पैसे को उधार लेती है और निश्चित रिटर्न यानी ब्याज देने के साथ मूलधन वापस करने की गारंटी देती है। यह निवेशकों के लिए निश्चित आय का एक साधन होता है। यह कर्ज लेने और देने वाले के बीच का एक समझौता होता है। अगर निवेशक के नजरिए से देखा जाए तो बॉन्ड को बहुत सुरक्षित माना जाता है। खासकर सरकारी बॉन्ड बहुत सुरक्षित है। कारण यह है कि इसमें सरकार की गारंटी होती है।

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म्युनिसिपल बॉन्ड होता है फायदेमंद और सुरक्षित

नगर निगम बॉन्ड शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी किए जाते हैं। जब नगर निगम को अपने प्रोजेक्ट करने, सड़क या स्कूल बनाने या सरकारी कामों के लिए पैसे की जरूरत होती है तो ऐसी स्थिति में वह भी बॉन्ड जारी कर सकती है। इस तरह के बॉन्ड को म्युनिसिपल बॉन्ड कहते हैं। यह भी काफी सुरक्षित होते हैं और इन पर भी ब्याज दर अच्छी मिल जाती है। इसके माध्यम से नगर निगम पैसा जुटाता है और उसे शहर के बुनियादी ढांचा विकास कार्यों पर लगाता है।

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