Lucknow: यूपी PWD की अब हर जानकारी होगी ऑनलाइन, ड्रोन व सेटेलाइट से होगा सर्वे

Lucknow: पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद की अध्यक्षता में बुधवार को पीडब्ल्यूडी मुख्यालय सभागार में सड़कों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यवस्था को मूर्तरूप देने के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया।

Update: 2022-06-01 14:50 GMT

बैठक करते लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद। 

Lucknow: उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी (UP PWD) की सड़कों की हर जानकारी अब ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी, हर एक सड़क की भौतिक स्थिति की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकेगा। जिसके लिए पीडब्ल्यूडी की सड़कों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यवस्था को जल्द ही मूर्तरूप दिया जाएगा। विभागीय परियोजनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी। जिसके लिए ड्रोन और सेटेलाइट की मदद से सर्वे किया जाएगा।

सड़कों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यवस्था को मूर्तरूप दे संबंध में बैठक

लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद (Public Works Department Minister Jitin Prasad) की अध्यक्षता में बुधवार को पीडब्ल्यूडी मुख्यालय सभागार में सड़कों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यवस्था (online monitoring system of roads) को मूर्तरूप देने के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने बैठक में विभाग में पहले से प्रचलित सृष्टि, विश्वकर्मा, चाणक्य, प्रहरी व कोर्ट केस मॉनिटरिंग सिस्टम की समीक्षा की। इसके बाद विभाग में विकसित किए जा रहे एस्टिमेटर, निगरानी तथा डिजिटाइजेशन के कार्यों की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि हर कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कराएं। उन्होंने विभाग में प्रचलित और विकसित किए जा रहे सॉफ्टवेयर को एकीकृत प्रणाली के अंदर लाने का निर्देश दिया, जिससे मार्गों का नियोजन एवं निर्माण कार्यों का अनुरक्षण त्वरित गति से सुगमता से हो सके।

डिजिटाइजेशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा

जितिन प्रसाद (Minister Jitin Prasad) ने प्रदेश सरकार (State Government) की प्राथमिकता के अनुरूप विभाग में ई ऑफिस प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से डिजिटाइजेशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि प्रदेश के पीडब्ल्यूडी कार्यालयों में 1 जनवरी 2023 से अनिवार्य रूप से ई ऑफिस प्रणाली लागू कर दिया जाए। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर 1 जुलाई 2022 से यह कार्य चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ कर दिया जाए।

पूर्णरूपेण ऑनलाइन ही मुख्यालय स्तर पर किया जा सकेगा प्राप्त

बता दें कि एस्टिमेटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से विभाग में खंड स्तर पर गठित आगणन (एस्टीमेट) पूर्णरूपेण ऑनलाइन ही मुख्यालय स्तर पर प्राप्त किया जा सकेगा। एस्टिमेटर लागू होने के उपरांत आगणन के गठन, विभिन्न स्तरों पर परीक्षणों में संशोधन की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से एवं बिना अधिक प्रयास के संभव हो सकेगी।

निगरानी ऐप के माध्यम से राज्य मार्गों एवं प्रमुख जिला मार्ग स्तर पर के मार्गों पर किसी भी पैच/गड्ढे की फोटो लेकर निगरानी एप पर अपलोड करने पर संबंधित अवर अभियंता, सहायक अभियंता एवं अधिशाषी अभियंता के मोबाइल पर सीधे सीधे दिखाई पड़ने लगेगा। विभाग द्वारा इन गड्ढों की मरम्मत के उपरांत पुनः फोटो अपलोड किया जाएगा। इससे कार्य में पारदर्शिता आएगी एवं जन सामान्य को सुविधा भी होगी।

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