बाढ़ रोकने के लिए सरकार की बड़ी तैयारी, शुरू किया गया ये कार्य

इस प्रशिक्षण के बाद परियोजना से सम्बन्धित अधिकारी वैज्ञानिक तकनीकी पहलूओं को समझ कर बाढ़ पुर्वानुमान प्रणाली का संचालन करेंगे।

Update:2020-07-27 23:10 IST

लखनऊ: मानसून के मौसम में बिहार, असम व गुजरात जैसे कई राज्य बाढ़ का प्रकोप झेल रहे है। यूपी का हाल इन राज्यों की तरह न हो इसके लिए बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली को ज्यादा बेहतर बनाने तथा इससे जुड़े समस्त पहलुओं को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान करने और इस परियोजना से जुड़े अभियन्ताओं व विशेषज्ञों की समस्याओं के समाधान के लिए 27 जुलाई से 19 अगस्त 2020 तक एक दिन के अन्तराल पर आनलाइन प्रशिक्षण दिया जायेगा।

यह प्रशिक्षण इस क्षेत्र की जानी मानी संस्था आरएमएसआई नोएडा के विशेषज्ञों द्वारा दिया जायेगा। इस प्रशिक्षण के बाद परियोजना से सम्बन्धित अधिकारी वैज्ञानिक तकनीकी पहलूओं को समझ कर बाढ़ पुर्वानुमान प्रणाली का संचालन करेंगे।

राज्य के जलशक्ति मंत्री के निर्देश पर शुरू हुआ प्रशिक्षण

 

 

मुख्य अभियन्ता पैक्ट वारिस रफी ने सोमवार को बताया कि राज्य के जलशक्ति मंत्री के निर्देश पर शुरू हुई इस परियोजना से जुडे अभियंता और विशेषज्ञ इस आनलाइन प्रशिक्षण में शामिल हो कर अपनी व्यवहारिक समस्याओं का भी समाधान हासिल करेंगे तथा परियोजना को और अधिक उपयोगी बनाने के लिये नई तकनीक के बारे में जान सकेंगे और बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकेंगे।

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रफी ने बताया कि यूपी में बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियां पहले से ही शुरू कर दी गयी थी। जलशक्ति मंत्री ने लाकडाउन अवधि के दौरान से ही वीडियो कान्फ्रेसिंग से बाढ़ के लिए संवेदनशील तथा अति संवेदनशील जिलों की समीक्षा करनी शुरू कर दी थी। इसके अलावा वह दो चरणों में हवाई सर्वेक्षण करके बाढ़ से प्रभावित जिलों और क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके है।

जलशक्ति मंत्री ने दिए कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश

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जलशक्ति मंत्री ने तटबन्धों पर लगातार निगरानी रखने तथा कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही एक अधिकारी की तैनाती भी किये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्य अभियन्ता पैक्ट ने बताया कि अपर मुख्य सचिव, सिंचाई एवं जलसंसाधन टी वेंकटेश तथा सचिव सिंचाई एवं अध्यक्ष पैक्ट अनिल गर्ग भी जिलों के नोडल अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है और बाढ़ पर पैनी नजर रखे हुये हैं।

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