अखिलेश यादव ने कोरोना पर सरकार को घेरा, पूछ लिया ये सवाल

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकट में लॉकडाउन होने पर दूसरे प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रमिक आ गए थे। जिनका कहना था कि वह अब गांव में ही रहेंगे

Update: 2020-06-30 18:52 GMT

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश इस समय कोरोना के साथ-साथ कानून व्यवस्था की बिगड़ी हालत का भी शिकार है। जिस प्रकार कोरोना टेस्ट टाले जा रहे हैं उसके कारण वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल रहा है और अब कोरोना पीक कब आएगा कहा नहीं जा सकता। उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि सरकार कोरोना-पीक से लड़ने की तैयारी कैसे करेगी?

कोरोना के साथ प्रदेश में बढ़ रहा क्राइम- अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकट में लॉकडाउन होने पर दूसरे प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रमिक आ गए थे। जिनका कहना था कि वह अब गांव में ही रहेंगे लेकिन भाजपा सरकार उनको रोजगार नहीं दे सकी। अब श्रमिक कहने लगे हैं कि अपने गांव में जीना मुश्किल है। जिस उम्मीद से लौटे थे निराशा हुई। ये श्रमिक फिर मुम्बई, सूरत, गुजरात, पंजाब में काम की तलाश में जाने लगे है। इन जगहों को जाने वाली ट्रेनों में जुलाई भर जगहें नहीं है। अखिलेश ने कहा कि महिला सुरक्षा का दावा करने वाली भाजपा सरकार पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है।

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हत्या-बलात्कार के मामले थम नहीं रहे हैं। अपराधी बेखौफ अपने धंधे चला रहे हैं। बरेली के फरीदपुर में एक छात्रा की हत्या कर उसका शव फेंका गया। उन्नाव में एक युवती का शव मिला। चित्रकूट में महिला से गैंगरेप की घटना हुई। बरखेड़ा में घर में घुस कर युवती से बलात्कार किया गया। राजधानी लखनऊ में हुसैनगंज में सरेराह युवती से छेड़छाड़ और अश्लील हरकत, तालकटोरा न्यू टेम्पो स्टैण्ड के पास एक महिला वकील की चेन लूटकर बदमाश फरार हो गए, कुशीनगर के जबही नरेन्द्र गांव में घर में सो रहे पति-पत्नी व दो मासूम बच्चों को जलाने की कोशिश की गई।

भाजपा सरकार के बस में नहीं अपराध नियंत्रण- सपा प्रमुख

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सपा मुखिया ने कहा कि दरअसल, भाजपा के बस में अपराध नियंत्रण नहीं रह गया है। सत्ता दल के नेता अपनी दबंगई दिखाने में पीछे नहीं है। मुख्यमंत्री के अधिकारी तो एक कान से सुनकर उनकी बातें दूसरे कान से उड़ा देते है। ठोको नीति के मंत्र की प्रशासन ने गांठ बांध ली है। नतीजतन उत्तर प्रदेश अपराधियों का पनाहगाह बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में समाज का हर वर्ग अपने को असुरक्षित और अपमानित महसूस करता है।

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