Lucknow News: लखनऊ में वाहन चालक परेशान, 15 साल पुरानी गाड़ियों की नहीं हो पा रहा री रजिस्ट्रेशन
Lucknow News: केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की तरफ से आदेश सरकारी वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन न करने का दिया गया, लेकिन 15 साल पूरा कर चुके निजी वाहनों के भी पंजीकरण भी रोक लगा दी गई है।
Lucknow News: वायू प्रदूषण पर लगाम कसने और ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी तैयार की। इसके तहत पुराने वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन पर अंकुश लगा दिया गया। हालांकि, फिलहाल यह आदेश सभी जगहों पर लागू नहीं होता। फिलहाल 15 साल पुराने सरकारी वाहनों के ही रीरजिस्ट्रेशन पर रोक लगी है। लेकिन इन दिनों लखनऊ जोन के निजी वाहनों का भी पुनः पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। जिससे निजी वाहन मालिक परेशान हो रहे हैं।
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भारत सरकार की स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल पूरा होने में अगर किसी सरकारी वाहन के दो से तीन माह भी शेष रह गए तब भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की तरफ से आदेश सरकारी वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन न करने का दिया गया, लेकिन 15 साल पूरा कर चुके निजी वाहनों के भी पंजीकरण भी रोक लगा दी गई है। 15 साल से एक दिन भी ज्यादा होने पर निजी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है।
लखनऊ जोन में कितने निजी वाहन
आरटीओ के मुताबिक, लखनऊ जोन में 15 साल पूरे कर चुके निजी वाहनों की संख्या 11.42 लाख है। इनमें लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में निजी गाड़ियों की संख्या 729386 है। विस्तार पटल कार्यालय में 89059, उन्नाव में 71870, रायबरेली में 101813, सीतापुर में 83301, हरदोई में 60275 और लखीमपुर में 7174 निजी वाहन हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारी क्या बोले ?
परविहन विभाग के अधिकारी भी इस समस्या को मानते हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी निजी वाहन के 15 साल पूरे होने में एक दिन का समय भी शेष रहता है तो गाड़ी री रजिस्टर्ड हो जा रही है। जबकि अगर 15 साल से एक दिन भी ऊपर गाड़ी को हुआ तो रजिस्टर्ड होने में परेशानी होती है। ऐसे में अगर किसी निजी वाहन मालिक को इस झंझट से बचना है तो गाड़ी के 15 साल पूरा होने से एक दिन पहले ही उसे री रजिस्टर्ड करवा लें।
लखनऊ आरटीओ में तैनात एक अधिकारी ने बताया कि ये समस्या पहले नहीं थी, पिछले कुछ दिनों से ही निजी गाड़ियों के रीरजिस्ट्रेशन दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया गया कि इसमें सुधार के लिए एनआईसी को पत्र भेजा गया है। उम्मीद है जल्द ही 15 साल पुराने निजी वाहन मालिकों को इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।