Earthquake: आखिर क्यों बार-बार कांप रही है धरती, नेपाल ही क्यों रहता है केंद्र, जानें पूरी वजह

Earthquake: बीती रात भूकंप का केंद्र भले ही नेपाल रहा हो, लेकिन उसे दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड और बिहार तक की धरती को हिला कर रख दिया। लोगों के जहन में अब यह सवाल आने लगा है कि आखिर इतनी जल्दी-जल्दी भूकंप के झटके क्यों आ रहे हैं?

Written By :  Shishumanjali kharwar
Update:2023-11-04 13:10 IST

आखिर क्यों बार-बार कांप रही है धरती (सोशल मीडिया)

Earthquake: शुक्रवार आधी रात को आए भूकंप के तेज झटकों से लोग सहम गये। बीती रात भूकंप का केंद्र भले ही नेपाल रहा हो, लेकिन उसे दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड और बिहार तक की धरती को हिला कर रख दिया। भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गयी। हालांकि बहुत से लोगों को सो जाने के चलते भूकंप के झटके का एहसास नहीं हुआ। लेकिन जो जाग रहे थे। उन्होंने तेजी से कांप रही धरती को महसूस किया। आधी रात को आए भूकंप के चलते लोग इस कदर डर गये कि वह अपने घरों और बिल्डिंगों से निकलकर सड़कों पर आ गए और लगभग एक घंटे तक परिवार के साथ बाहर ही रहे। उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि कहीं दोबारा से न भूकंप आ जाए। लगभग एक माह के अंदर दो बार आए भूकंप के तेज झटकों के बाद लोगों के मन में भय बैठ गया है। लोगों के जहन में यह सवाल भी अब आने लगा है कि आखिर इतनी जल्दी-जल्दी भूकंप के झटके क्यों आ रहे हैं।

पिछले माह भी तीन अक्टूबर को ही आया था भूकंप

बीते माह में भूकंप तीन अक्टूबर 2023 को आया था और इसके ठीक एक माह बाद तीन नवंबर 2023 को फिर धरती कांप गयी। तीन अक्टूबर (मंगलवार) को दोपहर 2.53 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गए थे। इस दौरान 25 मिनट के अंतराल में दो बार भूकंप आया था। तीन अक्टूबर को 4.6 और 6.2 तीव्रता के दो झटके महसूस किए गए थे। वहीं इस घटना के ठीक एक माह बाद फिर उसकी तारीख यानी तीन नवंबर को एक बार फिर धरती डोली। इस बार भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गयी। खास बात यह रही कि दोनों बार भूकंप का केंद्र नेपाल ही था।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसके नीचे तरल पदार्थ लावा बहता है। जिस पर ये टैक्नोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं। कई बार ये प्लेट्स आपस टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं। जब बहुत अधिक दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं। तब नीचे की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता ढूंढती है और जब भी ऐसा डिस्टर्बेंस होता है तो भूकंप आता है।

क्या है भूकंप का केंद्र

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल के कारण भूवैज्ञानिक ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक तीव्र होता है। जैसे-जैसे कंपन की आवृत्ति बढ़ती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। हालांकि, अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप आता है तो झटके 40 किमी के दायरे में महसूस किए जाते हैं। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की ओर है या नीचे की ओर। यदि कंपन की आवृत्ति अधिक होगी तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

नेपाल में ही क्यों आते हैं ज्यादा भूकंप?

भूगोल के अनुसार सात महाद्वीपों से पहले केवल एक ही भूभाग हुआ करता था, जिसे पेंजिया कहा जाता था। जब पैंजिया टूटने लगा तो कई महाद्वीप बने। इन महाद्वीपों के भूभाग पर अनेक देश बसे हुए हैं। इन्हीं देशों में से एक है नेपाल जो हिमालय की गोद में बसा है। दरअसल, नेपाल इंडो-ऑस्ट्रेलिया और यूरेशियन प्लेट के बीच की भूमि पर स्थित है। ऐसे में जब दो टैक्टोनिक प्लेटों के बीच घर्षण या टकराव होता है तो नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। जानकारी के मुताबिक, ये दोनों टैक्टोनिक प्लेट्स हर साल 5 सेमी की दर से एक-दूसरे की ओर बढ़ रही हैं। इसी वजह से नेपाल में अक्सर भूकंप देखने को मिलते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले साल 2015 में भी नेपाल में भूकंप के तेज झटकों से धरती कांप गयी थी। इस दौरान नेपाल में करीब 8 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए?

  • जब भी भूकंप के झटके महसूस हों तो सबसे पहले शांत रहें और अपने आसपास के लोगों को आश्वस्त करें। इस दौरान इमारतों से दूर खुली जगहों पर चले जाएं।
  • जब तक भूकंप के झटके बंद न हो जाएं तब तक अपने घरों में न जाएं।
  • अगर कार या बाइक चला रहे हैं तो उस दौरान आपको झटके महसूस होते हैं। तुरंत रुकें और कार में बैठे रहें।
  • भूकंप के झटके महसूस होने पर घर में मौजूद लोगों को तुरंत सावधानी बरतनी चाहिए। डेस्क, मेज, बिस्तर के नीचे छुपें। इस दौरान उसे कांच के दरवाजे, दर्पण और खिड़कियों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
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