Lucknow University: एआईसीटीई चेयरमैन बोले- देश के 26 शहरों में स्थापित होंगे 100 सुविधा केंद्र, एनएसआईएल में सत्र को किया संबोधित

एआईसीटीई का काम शिक्षकों को ट्रेनिंग, करिकुलम तैयार करना और छात्रों को इंटर्नशिप कराना है। जिन कॉलेजों में बीसीए और बीबीए या बीएमएस पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं, उन्हें भी हम यही सारी सुविधाएं देंगे। लेकिन मान्यता देना यूजीसी का काम है। ‘न्यूज़ट्रैक’ के साथ हुई बातचीत में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रो. टीजी सीताराम ने यह सभी बातें कहीं।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-02-18 10:45 IST

Lucknow University: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद किसी को डिग्री नहीं देता। हम एक स्टैंडर्ड सेटिंग बॉडी हैं। एआईसीटीई का काम शिक्षकों को ट्रेनिंग, करिकुलम तैयार करना और छात्रों को इंटर्नशिप कराना है। जिन कॉलेजों में बीसीए और बीबीए या बीएमएस पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं, उन्हें भी हम यही सारी सुविधाएं देंगे। लेकिन मान्यता देना यूजीसी का काम है। ‘न्यूज़ट्रैक’ के साथ हुई बातचीत में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रो. टीजी सीताराम ने यह सभी बातें कहीं। प्रो. सीताराम ने अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम 2024 में एक सत्र को संबोधित किया।

छात्रों की संख्या में 12 प्रतिशत तक इजाफा

लखनऊ विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम 2024 में एआईसीटीई चेयरमैन भी पहुंचे थे। एआईसीटीई चेयरमैन प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि बीते तीन वर्षों में आर्ट्स एंड डिजाइन, मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में 10 से 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं नौकरी की संभावना ज्यादा होने के कारण मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल की अपेक्षा कंप्यूटर एंड डाटा साइंस में छात्रों की संख्या अधिक है।


स्टीरियोटाइप सोच से उपर उठें

प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि हमें इस अवधारणा को बदलना है कि कोर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके नौकरी नहीं मिल सकती। स्टीरियोटाइप सोच से ऊपर उठना है। उन्होंने कहा कि आईटी की अपेक्षा कोर इंजीनियरिंग में अच्छी संभावनाएं हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर का उदाहरण देते हुए कहा कि आईटी क्षेत्र में नौकरी करने वाला व्यक्ति 10 हजार रूपये प्रतिमाह कमाई कर रहा है।

100 सुविधा केंद्र स्थापित

एआईसीटीई चेयरमैन प्रो. टीजी चेयरमैन ने कहा कि 26 शहरों में 100 सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां बीसीए और बीबीए या बीएमएस पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले संस्थानों जाकर एप्लीकेशन जमा कर सकते हैं। जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही यहां पर एफिलिएशन संबंधित जानकारी भी दी जाएगी।

ग्रामीण छात्रों के लिए खोला प्लेसमेंट पोर्टल

एआईसीटीई ने ग्रामीण और अर्ध शहरी छात्रों के लिए रोजगार पोर्टल खोला है। इसमें तीन हजार से अधिक कंपनी पंजीकृत हैं। जिसके जरिए छात्र जिले स्तर पर भी नौकरी पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की हर बड़ी कंपनी में भारतीय मिलेगा और उसने डिग्री भी भारतीय संस्थान से ही प्राप्त की होगी। इसमें कॉलेज रजिस्टर्ड करेंगे। इसके साथ एआईसीटीई के इंटर्शिप पोर्टल से तीन लाख से ज्यादा छात्रों ने इंटर्नशिप प्रोग्राम पूरा कर लिया है।

‘स्वयं’ पोर्टल में 10,000 कोर्स उपलब्ध

एआईसीटीई चेयरमैन प्रो. टीजी सीताराम ने बताया कि आज इंजीनियरिंग डिग्री व डिप्लोमा की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी एनईपी-2020 के तहत शुरू किए गए सेल्फ लर्निंग पोर्टल के जरिए अपना 40 फीसदी कोर्स खुद चुन सकते हैं। एआईसीटीई ने दुनिया का सबसे बड़ा मूक कार्यक्रम ‘स्वयं’ लांच किया है। जिसमें 10 हजार से ज्यादा ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं।

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