Akhilesh Yadav On Sambhal Case: चुनाव में हुई धांधली की पोल न खुल जाये इसके लिए भाजपा ने कराई संभल की घटना: अखिलेश
Akhilesh Yadav On Sambhal Case: भाजपा सरकार किसी भी दल के नेता को संभल नहीं जाने दे रही है, आखिर सरकार क्या छिपाना चाह रही है। संभल जाने पर प्रतिबंध लगाना सरकारी प्रबंधन की नाकामी है।
Akhilesh Yadav On Sambhal Case: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को तरक्की, खुशहाली, विकास से कोई मतलब नहीं है। भाजपा का काम समाज में नफरत फैलाना, संविधान विरोधी काम करना, लोकतंत्र की हत्या करना है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में उपचुनाव में जनता को वोट नहीं डालने दिया। यूपी का उपचुनाव पहले 13 नंवबर 2024 को होना था, जब भाजपा को जानकारी हो गयी कि बहुत सारे लोग त्योहारों में अपने गांव आये थे और वे वोट डालकर वापस जाएंगे तो भाजपा ने उपचुनाव की तारीख बदलवा कर 20 नवम्बर 2024 करा दी।
सम्भल में माहौल खराब करने का किया प्रयास
अखिलेश यादव ने कहा कि 19 तारीख को आनन-फानन में संभल में सर्वे कराकर तनाव बढ़ाने और माहौल खराब करने का प्रयास किया, जब उस दिन सब कुछ शांत रहा तो फिर षडयंत्र के तहत दोबारा सर्वे की योजना बनायी। चुनाव में हुई धांधली की पोल न खुल जाये इसके लिए भाजपा ने संभल की घटना करायी। भाजपा की ये सत्ता भूख की लड़ाई है। अखिलेश यादव ने कहा कि दोबारा सर्वे के दौरान जा रही टीम के साथ जो लोग नारे लगाते जा रहे थे, सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
संभल जाने पर प्रतिबंध लगाना प्रबंधन की नाकामी
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसी भी दल के नेता को संभल नहीं जाने दे रही है, आखिर सरकार क्या छिपाना चाह रही है। संभल जाने पर प्रतिबंध लगाना सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। संभल में सौहार्द शांति का माहौल बिगड़ा तो उसके लिए भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी से कैसे मुंह चुरा सकती है। सबूतों, तथ्यों, माहौल को देखने पर सबको नजर आएगा कि ये हिंसा प्रायोजित थी और सारा कांड साजिशन हुआ। भाजपा का झूठ कब तक सच पर पर्दा डालेगा? अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में प्रशासन और अधिकारी किस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहें हैं? क्या लोकतंत्र में अधिकारी इस तरह की भाषा और व्यवहार कर सकते है? उन्होंने कहा कि संभल में प्रशासन पीड़ितों को न्याय नहीं दे रहा है। निर्दोषों को फंसाने का काम कर रहा है। पीड़ित परिवारों पर दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा की तानाशाही अब ज्यादा चलने वाली नहीं। सन् 2027 में होने वाले चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। जनता के विरोध के आगे बड़ी-बड़ी ताकतें भी नहीं टिक सकीं।