Sonelal Patel Death Anniversary: विपक्ष की पटना बैठक का जवाब होगा लखनऊ में एनडीए का जमावड़ा, फोकस मिशन 2024 पर

Sonelal Patel Death Anniversary: अपना दल एस के संस्थापक सोनेलाल की 73वीं जयंती पर यूपी की राजधानी लखनऊ में दो जुलाई को एनडीए के सभी घटक दल जुटेंगे। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री संजय निषाद सहित एनडीए में शामिल पार्टियों के दिग्गज नेता भी जुटेंगे।

Update:2023-06-28 11:12 IST
Sonelal Patel Death Anniversary (Photo: Social Media)

Sonelal Patel Death Anniversary: दो जुलाई को अपना दल (एस) के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती है। इस दिन यूपी की राजधानी लखनऊ में बड़ा समारोह होगा। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक और कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल पार्टियों के दिग्गजों का जमावड़ा दिखेगा। सोनेलाल की जयंती के बहाने बीजेपी की कोशिश विपक्ष की पटना रैली का मुंहतोड़ जवाब देने की होगी। अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि कार्यक्रम में निषाद पार्टी के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद भी आमंत्रित किया गया है। अपना दल (एस) इस कार्यक्रम के जरिए एनडीए की मजबूत एकता का संदेश भी देना चाहती हैं।

लखनऊ से देश को संदेश

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर कार्यक्रम में एनडीए के सभी दलों के नेता एक मंच पर जमा हुए तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। एनडीए के जमावड़े को जहां विपक्ष की पटना बैठक का करारा जवाब माना जा रहा है वहीं, लखनऊ से पूरे देश में लोकसभा चुनाव के लिए सकारात्मक संदेश जाएगा। कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने 2024 के आम चुनाव में बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा कि एनडीए एक अटूट गठबंधन है।

आयोजन की तैयारियां तेज

आयोजन को भव्य व यादगार बनाने के लिए केन्द्रीय मंत्री और पार्टी की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भाजपा समेत एनडीए के सहयोगी दलों के नेताओं का आमंत्रित किया है। राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाले इस आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल खुद तैयारियों को देख रहे हैं। साथ ही उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है।

कौन थे सोनेलाल पटेल?

90 के दशक में कानपुर के डॉ. सोनेलाल पटेल की गिनती बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती थी। मायावती से अनबन के बाद डॉ. पटेल ने नवम्बर 1994 में लखनऊ में कुर्मियों की एक बड़ी रैली के जरिए अपनी ताकत का अहसास कराया था। इस दौरान उन्होंने कुर्मी, पटेल, सचान, कटियार और वर्मा आदि उपजातियों में बंटे कुर्मी समुदाय को एकजुट कर अपना दल की स्थापना की। 2007 में अपना दल ने पहली बार जीत का स्वाद चखा लेकिन, पटेल चुनाव नहीं जीत सके थे। 2009 में हुए एक सड़क हादसे में उनका निधन हो गया।

...और बढ़ता गया अनुप्रिया पटेल का कद

सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी पत्नी कृष्णा पटेल ने पार्टी की बागडोर संभाली। 2012 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी के रोहनियां से उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल ने जीत दर्ज की। भाजपा से नजदीकियां बढ़ाते हुए अनुप्रिया पटेल 2014 और फिर 2019 में मिर्जापुर की सांसद बनीं। प्रतापगढ़ से भी पार्टी का एक सांसद जीता। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भी अपना दल (एस) बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी। 2017 में पार्टी के 9 विधायक जीते और 2022 में यह संख्या 12 पहुंच गई जो कांग्रेस (02) और बसपा (01) जैसे दलों से कहीं आगे है।

ऐसे दो धड़ों में बंट गई अपना दल

मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद पार्टी में अनुप्रिया पटेल का कद बढ़ता गया। जैसे-जैसे पार्टी पर अनुप्रिया पटेल का कब्जा बढ़ता गया। मां-बेटी और छोटी बहन के बीच रिश्तों में खटास आती गई। अंतत: पार्टी में टूट कर दो धड़ों में बंट गई। अनुप्रिया और उनके पति आशीष पटेल अपना दल (सोनेलाल) का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि, सोनेलाल की पत्नी कृष्णा पटेल अपनी छोटी बेटी पल्लवी पटेल के साथ अपना दल (कृष्णा) को संभाल रही हैं। पल्लवी प्रयागराज के सिराथू से विधायक हैं जिन्होंने 2022 में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को हराया था। अब दोनों ही धड़े सोनेलाल की जयंती को अपनी तरह से मनाने की तैयारियों में जुटे हैं।

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