Lucknow News: UP में सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का होगा निर्माण: 32 जिलों को मिली स्वीकृति, पीपीपी मॉडल के तर्ज पर बनेंगे स्कूल
Lucknow News: प्रत्येक विद्यालय में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की कक्षाएं संचालित होंगी, और इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा।;
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश के 32 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों के निर्माण पर मुहर लग गई है। इन विद्यालयों में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस परियोजना को लागू करने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है, जिसमें से 9 विद्यालयों के लिए बजट स्वीकृत कर दिया गया है और बाकी की प्रक्रिया चल रही है।
शिक्षा के हर स्तर को एक ही परिसर में मिलेगा समुचित अवसर
प्रदेश में प्रस्तावित 39 मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों में से 32 जिलों को स्वीकृति मिल चुकी है। ये विद्यालय उन जिलों में बनेंगे जहां मंडल मुख्यालयों के अलावा अन्य जिलों में शिक्षा की स्थिति सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। प्रत्येक विद्यालय में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की कक्षाएं संचालित होंगी, और इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा।
स्मार्ट क्लास और डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ आधुनिक सुविधाएं
इन विद्यालयों का निर्माण लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। हर विद्यालय में स्मार्ट क्लास, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग ट्रेनिंग, लैंग्वेज, मैथ्स, साइंस और कंप्यूटर लैब, मल्टीपरपज हॉल, खेलकूद का मैदान, मॉड्यूलर किचन डाइनिंग हॉल और सोलर पैनल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, प्रत्येक विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बजट स्वीकृति और निर्माण कार्य की गति
प्रदेश सरकार ने इन विद्यालयों के लिए बजट स्वीकृत कर दिया है। जैसे कि लखीमपुर खीरी के लिए 23.83 करोड़, बुलंदशहर के लिए 24.38 करोड़, अमरोहा के लिए 23.86 करोड़, बिजनौर के लिए 23.26 करोड़ और रायबरेली के लिए 24.11 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। इसके साथ ही इन जिलों में निर्माण कार्य शीघ्र शुरू हो जाएगा।
पीपीपी मॉडल के तहत पांच जिलों में बनेगा विद्यालय
इसके अलावा, पांच जिलों में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत ओएनजीसी द्वारा मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण कराया जाएगा। इनमें रामपुर, बहराइच, भदोही, हाथरस और बदायूं जिले शामिल हैं। वहीं इन पहल के तहत उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जो आने वाले समय में प्रदेश के विकास को नई दिशा देगी।