UP News: CM योगी ने 283 चिकित्सा अधिकारियों को वितरित किये नियुक्ति पत्र, बोले- आठ साल में 8.5 लाख युवाओं को मिली नौकरी
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आयुष का नया मंत्रालय बन चुका है। विभागीय टेक्नोलॉजी को कामकाज को गति मिलती है। हाल ही में सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया।;
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UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को लोकभवन में आयुष विभाग के 283 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी 283 अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में साढ़े आठ लाख युवाओं को नौकरी मिली है।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि सरकार सभी भर्तियों को बेहद पारदर्शिता और सूचितापूर्ण तरीके से संपन्न करा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी युवा के लिए सरकारी नौकरी का मिलना अपने सपनों को उड़ान देने जैसा है। एक युवा को सरकारी नौकरी मिलने से अभिभावाओं और मित्रों को भी खुशी मिलती है।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आठ साल पहले भर्ती आयोग की क्या स्थिति थी। यह किसी से भी छिपा नहीं है। पूर्ववर्ती सरकारों के समय की कई भर्तियों की याचिका लंबित चल रही थीं। उस समय उच्च न्यायालय ने भी पूर्ववर्ती सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया था।
दुनिया में योग को लेकर श्रद्धा भाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आयुष का नया मंत्रालय बन चुका है। विभागीय टेक्नोलॉजी को कामकाज को गति मिलती है। हाल ही में सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया। पहले कुछ लोग भारत की विरासत को कोसते रहते थे। लेकिन अब दुनिया भर में योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे दुनिया में योग को लेकर श्रद्धा भाव भी बढ़ा है। 45 दिन के महाकुंभ में जिस तरह 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। उससे यह साफ हो गया है कि लोगों की सनानत संस्कृति के प्रति आस्था मजबूत हुई है। आयुष के जरिए आरोग्यता हासिल की जा सकती है।
2017 से पहले प्रदेश में अराजकता थी, बीमार थी तत्कालीन व्यवस्था- मुख्यमंत्री
सीएम योगी ने 2017 से पहले की प्रदेश की स्थिति और पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि 8 वर्ष पहले यूपीपीएससी, यूपीएसएसएससी और पुलिस भर्ती बोर्ड की कार्य पद्धति पर गंभीर सवाल उठते थे। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाएं लंबित रहती थीं। तत्कालीन सरकार और आयोगों की कार्य पद्धति पर माननीय न्यायालय ने भी सवाल खड़े किए थे। उस समय उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था, लेकिन असल में बीमारू तत्कालीन व्यवस्था थी। अनिर्णय की स्थिति के कारण समाज का हर तबका तबाह था। उन्होंने कहा कि आज सरकार की तत्परता, सुचिता और पारदर्शिता के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनकर उभरा है, जो देश की अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए तैयार है।
धार्मिक टूरिज्म से अब हेल्थ टूरिज्म बनेगा उत्तर प्रदेश- योगी
सीएम योगी ने आयुष विभाग में नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष, आयुर्वेद, होम्योपैथी और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां भारत की प्राचीन विरासत का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए अलग मंत्रालय बनाया और आज इसके परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है। वर्तमान में 2,114 आयुर्वेद, 254 यूनानी और 1,585 होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं। लखनऊ और पीलीभीत में निर्माणाधीन आयुष चिकित्सालयों का कार्य अंतिम चरण में है। 15 जनपदों में 50 सैया वाले इंटीग्रेटेड आयुष हॉस्पिटल शुरू हो चुके हैं, जबकि 3 जनपदों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही 1,034 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं और 225 आयुष चिकित्सालयों में योग व वेलनेस सेंटर शुरू किए गए हैं।
सीएम योगी ने आयुष के क्षेत्र में हेल्थ टूरिज्म की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में शुद्ध वातावरण और प्रचुर जल संसाधन हेल्थ टूरिज्म के लिए अनुकूल हैं। हमने धार्मिक टूरिज्म में उत्तर प्रदेश को नंबर एक बनाया है, अब हेल्थ टूरिज्म में भी इसे शीर्ष पर ले जाएंगे। आयुष हॉस्पिटल और वेलनेस सेंटर इसके नए केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों से अपील की कि वे आयुर्वेद की प्राचीन पद्धतियों और दादी के नुस्खों को संरक्षित करें और लोगों को प्राकृतिक खेती व संतुलित जीवनशैली के प्रति जागरूक करें।
कानून राज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा एफएसएल लैब- योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एफएसएल लैब के 96 कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहा कि जुलाई 2024 में लागू तीन नए कानूनों में एफएसएल लैब की भूमिका अहम है। किसी भी पीड़ित को समय से न्याय मिले और अपराधी को सजा दिलाने के लिए साक्ष्य जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में केवल 4 एफएसएल लैब थीं, अब 12 हैं और 6 निर्माणाधीन हैं। हर रेंज स्तर पर एफएसएल लैब स्थापित करने और हर जनपद में 2-2 मोबाइल लैब उपलब्ध कराने की योजना है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश स्टेट फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है, जहां डिप्लोमा और डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं। सीएम योगी ने कहा कि अगले 10 वर्षों में इस इंस्टीट्यूट से निकलने वाले छात्रों के लिए देश-दुनिया में नौकरी की कमी नहीं होगी।