Lucknow News: कांग्रेस ने की प्रेस कांफ्रेंस, प्रवक्ता बोले- मोदी सरकार ने बंद की थी गरीब कल्याण योजना

Lucknow News: अभय दुबे ने कहा कि मोदी सरकार ने गरीब कल्याण योजना बंद कर दी। इसके बाद कांग्रेस के खाद्य सुरक्षा कानून का नाम बदलकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना रखा गया। सोनिया व राहुल गांधी की प्रेरणा से 10 सितम्बर 2013 को खाद्य सुरक्षा कानून अधिसूचित किया गया था।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-05-17 17:45 IST

Congress Press Conference (Photo Source: Ashutosh Tripathi)

Congress Press Conference: प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभय दुबे, प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ. सीपी राय जी, नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर गरिमा मेहरा दसौनी, चित्रा बाथम व उप्र कांग्रेस प्रवक्ता शुचि विश्वास ने संबोधित किया।

गरीबों को मिलेगा दस किलो अनाज

कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए देश के नागरिकों की मोदी जनित महंगाई से मुक्ति का शंखनाद कर दिया है। पहले हर गरीब परिवार की महिला को 1 लाख रुपये साल देने का वादा किया फिर युवाओं की पहली नौकरी की पक्की की घोषणा ने देश के हर घर को खुशियों से भर दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को 400 रुपये प्रतिदिन का आत्मसम्मान उनकी दहलीज पर रख दिया। अब 5 किलो नहीं बल्कि 10 किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रति माह की घोषणा ने इतिहास रच दिया है।

कांग्रेस की योजना से अस्सी करोड़ हो हुआ था फायदा

अभय दुबे ने कहा कि मोदी सरकार ने गरीब कल्याण योजना बंद कर दी। इसके बाद कांग्रेस के खाद्य सुरक्षा कानून का नाम बदलकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना रखा गया। सोनिया व राहुल गांधी की प्रेरणा से 10 सितम्बर 2013 को खाद्य सुरक्षा कानून अधिसूचित किया गया था। उन्होंने कहा कि योजना के तहत देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी यानी करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेंहू और दो किलो चावल तीन रुपए प्रतिकिलो में दिया जाता था। इस योजना में प्रदेश के 14 करोड़ 97 लाख लोग शामिल थे।

सरकार ने कांग्रेस की योजना का नाम बदला

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने कोविड की महामारी को देखते हुए 21 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना प्रारंभ की थी। जिसके तहत 5 किलो अतिरिक्त अनाज प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाना तय किया गया था, जिसके तहत 4 किलो गेंहू और 1 किलो चावल दिया जा रहा था। इस योजना को मोदी सरकार ने 1 जनवरी 2023 को इस योजना को बंद कर दिया, और 2013 के खाद्य सुरक्षा कानून का नाम बदलकर इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना नाम दे दिया और उस में लिख दिया कि यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना 2013 के प्रावधानों को सुदृढ़ करने के लिए लाई गई है। अभय दुबे ने कहा कि मोदी जी ने 07 अगस्त 2013 को खाद्य सुरक्षा कानून लाये जाने पर अपनी असहमति के स्वर लिखित में व्यक्त किये थे। एक लंबी चिट्ठी कांग्रेस सरकार को लिखते हुए ना सिर्फ इस योजना पर असहमति व्यक्त की थी बल्कि इसे दोषपूर्ण भी बताया था।

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