अब डेंगू से नहीं होंगी मौतें...जल्द मिलने वाली है वैक्सीन, KGMU-ICMR में फेज-3 ट्रायल शुरू
Dengue Vaccine: जल्द ही भारत को डेंगू की देश में निर्मित वैक्सीन मिलने की संभावना है। केजीएमयू के संक्रामण रोग प्रभारी डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि आईसीएमआर ने संस्था को ट्रायल के केंद्र के रूप में मान्यता दी है।
Dengue Vaccine: बरसात के सीजन में सबसे अधिक खतरा डेंगू से बढ़ा जाता है। यह एक ऐसा मच्छर है कि एक बार डंक मरा दे और आपने इसकी अनदेखी कर दी तो मौत के मुंह में जा सकते हैं। वर्षा के सीजन में हर साल भारत में सैकड़ों मौतें डेंगू के वजह से होती हैं। इस दौरान अस्पतालों में मरीजों का तांत लगा रहता है। हालांकि अब वो दिन दूर नहीं जबकि लोग डेंगू होने के बाद भी डरेंगे नहीं, क्योंकि भारत में पोलियो, खसरा, टीवी के बाद अब डेंगू के बचावा का टीका भी होगा। डेंगू की वैक्सीन बना ली गई है। अब इसका ट्रायल किया जा रहा है। लखनऊ के केजीएमयू में भी डेंगू वैक्सीन का ट्रालय चल रहा है, इसके पूरा होने के बाद मंजूरी मिलते ही लोगों को डेंगू की वैक्सीन भी भारत में मिलने लगेगी। इस वैक्सीन की खास बात यह है कि यह पूर्ण रूप से स्वदेशी है।
लखनऊ के केजीएमयू मे डेंगू वैक्सीन का ट्रालय शुरू
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जल्द ही भारत को डेंगू की देश में निर्मित वैक्सीन मिलने की संभावना है। केजीएमयू के संक्रामण रोग प्रभारी डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि आईसीएमआर ने संस्था को ट्रायल के केंद्र के रूप में मान्यता दी है। आईसीएमआर ने इंडियन क्लीनिकल ट्रायल एंड एजुकेशन नेटवर्क के तहत एडवांस सेंटर ऑफ क्लीनिकल ट्रायल के लिए केजीएमयू का चयन किया है। उन्होंने बताया कि ट्रायल शुरू होने के बाद इन रिसर्च के आधार पर इलाज की प्रक्रिया और दवाओं का निर्माण हो सकेगा। ट्रायल के समय टीका का पहला उपयोग जानवरों पर होगा। इसमें सफलता मिलने के बाद इंसानों पर इसका उपयोग किया जाएगा। डेंगू के टीका का ट्रायल केजीएमयू के संक्रामण रोग प्रभारी के देखरेख में किया जा रहा है।
दो चरण के ट्रालय पूरे, तीसरे चरण का शुरू
भारत में डेंगू की भी वैक्सीन बन चुकी है। वैक्सीन के दो चरणों के ट्रालय प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। दोनों ट्रायल सफल होने के बाद इसके तीसरे चरण का ट्रालय शुरू हो चुका है। इसको आईसीएमआर कर रहा है। पहले ट्रायल में वैक्सीन की सेफ्टी की जांच की गई थी। दूसरे ट्रायल में यह देखा गया था कि इससे एंटीबॉडीज बनती हैं या नहीं। अब तीसरे ट्रायल में यह जांचा जाएगा कि यह डेंगू के खिलाफ कितनी कारगर है या कारगर नहीं है।
ट्रालय के लिए 19 देशों का चयन
आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ. सरिता नायर की ओर से दी जानकारी के मुताबिक, इस ट्रायल के लिए देश में 19 जगहों को चिह्नित किया गया है। इस ट्रायल के लिए नामांकन होने से लेकर पूरा होने तक इसमें 3 साल का समय लगेगा। आईसीएमआर इस ट्रायल को पूरी शक्ति से करने जा रहा है। इसके सफल होने की पूरी उम्मीद है। ब्राजील में इसी तरह की भूटानन वैक्सीन के चरण 3 परीक्षणों के परिणाम उत्साहजनक रहे हैं।