KGMU Lucknow: दिल के आर पार हुई सरिया, पांच घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने बचाई जान
KGMU Lucknow: सरिया दिल को चीरकर आर पार हो गई थी, दावा है कि इस तरह के मामले में घायल के जीवित बचने का यह पहला मामला है, यानी की 99 फ़ीसदी से अधिक मामलों में मरीज की मौत हो जाती है
KGMU Lucknow: केजीएमयू के डॉक्टरों ने एक बार फिर चमत्कार किया है। दिल के आर पार सरिया घुसने के बावजूद मरीज की जान बचाने में कामयाबी हासिल की। सरिया दिल को चीरकर आर पार हो गई थी। दावा है कि इस तरह के मामले में घायल के जीवित बचने का यह पहला मामला है। यानी की 99 फ़ीसदी से अधिक मामलों में मरीज की मौत हो जाती है, लेकिन यहां पर डॉक्टरों की मेहनत सफल हुई और मरीज की जान बचाई जा सकी।
केजीएमयू के डॉ. वैभव जयसवाल ने बताया कि सुलतानपुर के दुर्गापुर निवासी रिक्शा चालक मुन्नेलाल 27 मार्च को घर की सफाई करते समय बाथरूम की छत से गिर गए और नीचे पड़ा सरिया उनके सीने में धंस गया। मरीज को ई-रिक्शा से 22 किमी दूर जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने दर्द निवारक इंजेक्शन और प्राथमिक उपचार के बाद उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। वहां से एंबुलेंस में मुन्नेलाल को करवट लिटाकर दोपहर 1.30 बजे ट्रॉमा सेंटर लेकर आई। एक्स-रे से पता चला कि सरिया मरीज के दिल को छेदते हुए पार हो गया था, जिससे फफेडों में भी चोट आई थी। इसके बाद 5 घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन में 15 डॉक्टरों की टीम ने मिलकर मरीज के दिल से सरिया निकाला और मरीज की जान बचाई।
डॉक्टरों की निगरानी में 9 दिनों तक आईसीयू में इलाज
ट्रॉमा सर्जरी के डॉ. समीर मिश्रा ने बताया कि मरीज की हालत को देखते हुए उसे दूसरी ओर स्थित बिल्डिंग में हार्ट लंग मशीन पर रखा गया। इसके माध्यम से दिल, फेफड़ा चलता रहा। एनेस्थीसिया टीम ने मरीज को इस स्थिति में रखा कि सासें चलती रहें। मरीज का दिल धड़कता रहा और सर्जरी कर सरिया निकाला गया। इसके बाद मरीज के दिल और फेफड़ों के क्षतिग्रस्त हिस्सों को दुरुस्त किया गया। सर्जरी के दौरान मरीज का काफी खून बह चुका था, इसलिए छह यूनिट खून चढ़ाना पड़ा। 5 घंटे की सर्जरी के बाद मुन्नेलाल को बचा लिया गया। पहले तीन दिन तक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बाद डॉक्टरों की निगरानी में 9 दिनों तक आईसीयू में उनका इलाज चला। हालत सामान्य होने पर मुन्नेलाल को छुट्टी दे दी गई।
ऑपरेशन करने वाली टीम में ये रहे शामिल
ट्रॉमा सर्जरी- डॉ. वैभव जायसवाल, डॉ. यादवेंद्र धीर, डॉ. शाहनवाज अहमद, डॉ. आकांक्षा कुमारी, डॉ. एकता सिंह, डॉ. रंबित, डॉ. अंजना मन्हास।
प्रशासनिक- प्रो. समीर मिश्रा, प्रो. संदीप तिवारी, प्रो. तूलिका चंद्रा, प्रो. एसके सिंह, प्रो. मोनिका कोहली। सीबीटीएस डॉ. विवेक तेवर्सन, डॉ. जीशान हाकिम
एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर- डॉ. ब्रजेश प्रताप सिंह, डॉ. रति प्रभा, डॉ. त्रिपति सिंह, डॉ. शगुल पालीवाल, डॉ. सुनंदा सिंह। नर्स परमानंद और महेंद्र।