Lucknow: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त...प्रेस वार्ता कर बोलीं कांग्रेस विधानमंडल नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’
Lucknow News: कांग्रेस विधानमंडल दल नेता ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। योगी जी के शासनकाल में प्रदेश अपराध के जंगल राज में तब्दील हो गया है, कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है। योगी जी खुद को संत और सनातन का ध्वजवाहक बताते हैं, पर शायद वो भूल गए कि सनातन में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है।
Lucknow News: मॉल एवेन्यू स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर मंगलवार को नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था और पुलिसिया उत्पीड़न के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध
नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि योगी सरकार जनता का विश्वास एवं अपराधियों में भय दोनों खो चुकी है। पिछले 7 साल से सत्ता में काबिज योगी आदित्यनाथ जी हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। आत्ममुग्ध होकर खुद ही हर मंच से कानून व्यवस्था पर अपनी तारीफ करते नज़र आते रहते हैं मगर सच्चाई इसके विपरीत है। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का अपराधियों और अपराध को समाप्त करने को लेकर ईमानदार नीयत न होने के कारण पूरे देश में जो महिलाओं के विरुद्ध जो अपराध दर्ज हो रहे है उनमें से 25 प्रतिशत अपराध अकेले उत्तर प्रदेश से हैं, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 65,743 अपराध दर्ज हुए, जो अन्य किसी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है। जिनमें जघन्य, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, साइबर अपराध, पीछा करना जैसे अपराधों की देश भर में वर्ष 2023 में कुल 28,811 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 16,109 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से थी, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक थीं।
धर्म देखकर बुलडोजर चला रही सरकार
आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि ‘‘क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2022’’ के आंकडें हैं कि उत्तर प्रदेश, हत्या, बलात्कार, अपहरण, बलात्कार के बाद हत्या, गैंगरेप और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में नंबर 1 बना हुआ है। इससे ज्यादा शर्मानाक यह है कि इन आकड़ों के आने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई ठोस पुख्ता इंतजाम अपराधों को रोकने के लिए ना करके उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार जाति और धर्म देखकर कार्यवाही कर रही है, बुल्डोजर चला रही और फर्जी एनकाउंटर करवा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री मंचों से भाषण देते रहे कि हमारी सरकार अपराधियों को पाताल से खोज लाएगी, लेकिन हकीक़त यह है कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिला परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस 2021 के महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े 11732 मामलों की जांच तक नहीं पूरी कर पाई, 2022 में 66,936 मामले थाने पर ही निपटा दिए तथा महिलाओं पर अत्याचार के 13,097 मामलों में साक्ष्य ही नहीं जुटा पाई या जुटाने की कोशिश नहीं कि जबकि घटनाओं की शिकायतें सही थीं।
प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त
कांग्रेस विधानमंडल दल नेता ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। योगी जी के शासनकाल में प्रदेश अपराध के जंगल राज में तब्दील हो गया है, कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है। योगी जी खुद को संत और सनातन का ध्वजवाहक बताते हैं, पर शायद वो भूल गए कि सनातन में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। दुर्भाग्य ये है कि उनके शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित और पीड़ित महिलाएं ही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदन में ठोक डालो, मिट्टी में मिला देंगे जैसी असंसदीय भाषा का प्रयोग कर प्रदेश के एक विशेष समुदाय में डर पैदा कर पुलिस को एक तरफा कार्यवाही की असंवैधानिक छूट देकर संविधान की अवमानना भी कर रहे हैं, लोकतंत्र में भरोसा न रखने वाले मुख्यमंत्री को पुलिस राज पसंद है, क्योंकि इसके जरिए वो विपक्षी दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भी कार्यवाही कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। जिसकी प्रमुख घटनाओं में जनपद झांसी में चलती हुई गाड़ी में हुए बलात्कार का मामला हो, जनपद जौनपुर में मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर का मामला हो, जनपद रायबरेली में अर्जुन पासी की हत्या का मामला हो या अभी हाल ही में 11 सितंबर को जनपद कानपुर में सिर काटकर महिला की हत्या का मामला रहा हो उक्त सभी घटनाएं दर्शाती हैं कि प्रदेश में संविधान का राज नहीं बल्कि पुलिस का जंगलराज कायम है।
इस मौके पर मीडिया विभाग के चेयरमैन, पूर्व मंत्री डॉ सीपी राय, प्रदेश उपाध्यक्ष शरद मिश्रा, प्रदेश महासचिव सुभाष पाल, मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी, डॉ. शहजाद आलम, प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी, सचिन रावत, डॉक्टर सुधा मिश्रा, मौजूद रहे।