Lucknow Traffic: लखनऊ में टैक्सी-ऑटो वालों की अब खैर नहीं, ट्रैफिक पुलिस और RTO को अभियान चलाने के निर्देश
Lucknow Traffic: मंडलायुक्त रोशन जैकब ने शुक्रवार को शहर की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने को लेकर अहम बैठक की। इसमें उन्होंने ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए सख्ती से कदम उठाने के निर्देश दिए।
Lucknow Traffic: राजधानी लखनऊ की आबादी जैसे-जैसे बढ़ रही है। ट्रैफिक पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। शहर में बड़ी संख्या में निजी वाहनों के साथ टैक्सी – ऑटो भी चल रही हैं। पीक ऑवर के समय तो शहर में एक जगह से दूसरे जगह जाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा शहर में जमा लगाने में टैक्सी - ऑटो वालों की भूमिका भी कम नहीं है। सवारी को देखते ही ये कहीं भी गाड़ी रोक देते हैं, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है।
मंडलायुक्त रोशन जैकब ने शुक्रवार को शहर की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने को लेकर अहम बैठक की। इसमें उन्होंने ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए सख्ती से कदम उठाने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने निर्देश दिया कि चौराहे पर गाड़ी रोकने, सवारियां भरने वाले ऑटो-टेम्पो का परमिट निरस्त करें। ट्रैफिक पुलिस और RTO को उन्होंने इसके लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने को कहा कि वाहनों को पार्किंग स्थल पर ही खड़ी की जाए।
मंडलायुक्त ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न लगाने वालों की चेकिंग के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ ही ई-रिक्शा को व्यवस्थित ढंग से जोन के आधार पर संचालित करने का निर्देश दिया। उनकी पार्किंग व्यवस्था भी सही तरीके से हो। इसके लिए एक सप्ताह अभियान चलाने का निर्देश दिया।
अधिकारियों को मिले अन्य निर्देश
यातायात समिति की बैठक में शामिल हुए अधिकारियों को मंडलायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि सड़क की मरम्मत, अतिक्रमण हटाना, गड्ढों को भरना, सड़क चौड़ीकरन आदि कार्य को प्राथमिकता देते हुए खत्म करें। जिन चौराहों पर ज्यादा ट्रैफिक दबाव है, वहां दिशा सूचक बोर्ड लगाएं।
लखनऊ में कितने ऑटो-टेंपो
लखनऊ आरटीओ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राजधानी में 2700 ऑटो पंजीकृत हैं। जबकि 4343 टेंपो पंजीकृत हैं। वहीं,बात करें ई रिक्शा की तो करीब 40 हजार ई रिक्शा शहर में पंजीकृत हैं। इनमें से 32 हजार सड़क पर वर्तमान में चल रहे हैं। आरटीओ के मुताबिक, शहर में करीब 10 हजार ऐसे ई रिक्शा भी हैं,जो कि पंजीकृत नहीं हैं। ऐसे में राजधानी में ई रिक्शा की बेहिसाब जनसंख्या को देखते हुए नए पंजीकरण पर रोक लग सकती है।