Lucknow University: पार्ट टाइम PhD पर विचार कर रहा लखनऊ विश्वविद्यालय

Lucknow University: सभी सदस्यों के सहमत होने पर, कमेटी ने तय किया कि थीसिस जमा करने और मूल्यांकन की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और पेपरलेस रहेंगी।

Update:2023-06-29 12:44 IST
Lucknow University UGC PhD online meeting team formed on part time PhD

Lucknow University: यदि आप नौकरी करते हुए पीएडी करना चाहते हैं तो आप के लिए खुशखबरी। अब काम करते हुए भी आप पीएचडी कर पाएंगे। इसके लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में UGC PhD नियम 2022 को सम्मिलित करने के लिए कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में कमेटी के सदस्यों ने पार्ट-टाइम PhD के लिए प्रवेश प्रक्रिया और उपस्थिति के संबंध में अपने विचारों व्यक्त किए। लखनऊ विश्वविद्यालय ने पहले से ही इससे संबोधित एक विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया था, जो सभी सदस्यों के साथ साझा किया गया था। सदस्यों से अपेक्षा की गई कि वे लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट की समीक्षा कर लें और आगामी 02 जुलाई 2023 तक अपनी टिप्पणियां भेज दें, ताकि आगामी बैठक में उन विषयों पर चर्चा की जा सके। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी ने ऑनलाइन बैठक में UGC PhD नियम 2022 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के साथ एक PhD अध्यादेश के गठन की चर्चा की।

कमेटी ने साझा किए विचार

प्रो. आलोक कुमार राय के मार्गदर्शन में, चार सदस्यीय कमेटी ने, जिसमे लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक्स प्रो. पूनम टंडन (सदस्य सचिव), प्रो. विभूति राय (भूविज्ञान विभाग), प्रो. आर के सिंह (विधि संकाय) और प्रो. बिमल जयस्वाल (व्यवहारिक अर्थशास्त्र विभाग) शामिल थे, उनके द्वारा तैयार किए गए मुख्य बिंदुओं और PhD अध्यादेश के ड्राफ्ट को बैठक में साझा किया।

सभी प्रक्रियाएं होगी ऑनलाइन पेपरलेस

सभी सदस्यों के सहमत होने पर, कमेटी ने तय किया कि थीसिस जमा करने और मूल्यांकन की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और पेपरलेस रहेंगी। सदस्यों का मत था कि PhD उम्मीदवारों के लिए पीएचडी की मौखिक परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जानी चाहिए, जबकि ऐसे विशेष मामलों में ऑफलाइन पीएचडी मौखिक परीक्षा करवाने की अनुमति लेनी होगी। यह PhD शोध ग्रंथ की मूल्यांकन और परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनाएगा, ऐसी उम्मीद की जाती है।

बैठक में ये रहे मौजूद

इस बैठक में प्रो. अंशु रानी, कुलपति, डॉ. बी आर आम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा; प्रो. के पी सिंह, कुलपति एम जे पी रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली; प्रो. संजय मेधावी, कुलसचिव लखनऊ विश्वविद्यालय; और कमेटी के अन्य सदस्य सम्मिलित थे।

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