Lucknow: मॉरीशस के उप राष्ट्रपति बोइसेज़ोन बोले- 'शांति स्थापना को हर स्तर पर प्रोत्साहन की जरूरत, तभी आ सकता है बदलाव'

International Conference of Chief Justice: अपने संबोधन में बोइसेजोन ने कहा, 'शांति स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। तभी बदलाव आ सकता है, जब हम सब साथ खड़े हों।'

Report :  aman
Update:2023-11-04 20:14 IST

मॉरीशस के उप-राष्ट्रपति मैरी सिरिल एडी बोइसेज़ोन और अन्य (Social Media) 

Lucknow News : यूपी की राजधानी लखनऊ के सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 24वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन' का उद्घाटन शनिवार (04 नवंबर) को हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन मॉरीशस के उप-राष्ट्रपति मैरी सिरिल एडी बोइसेज़ोन ने सीएमएस, कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया।

अपने संबोधन में बोइसेजोन ने कहा, 'शांति स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। तभी बदलाव आ सकता है, जब हम सब साथ खड़े हों। उन्होंने आगे कहा, सीएमएस की पहल पर मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों ने भावी पीढ़ी की भलाई का जो बीड़ा उठाया है, वह स्वागत योग्य है। सभी देशों में इस प्रकार के आयोजन होने चाहिए'।

नोबेल प्राइज विनर मूसा बोले- जो सबका भला सोचे

अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य राजनीतिक हस्तियों समेत कई प्रख्यात न्यायमूर्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर ट्यूनीशिया के नोबेल पुरस्कार विजेता अब्देस्सतार बेन मूसा ने कहा, 'आज विश्व में ऐसे लोगों एवं संस्थाओं की जरूरत है, जो सबका भला सोचे। हमें जाति, रंग या भाषा से परे हटकर मानवाधिकार, न्याय, स्वतंत्रता, समानता पर जोर देना चाहिए। मूसा ने यहां विश्व एकता और विश्व शान्ति की स्थापना के लिए कई सुझाव भी दिए।

'कोई देश वैश्विक समस्याओं से अकेले नहीं जूझ सकता'

घाना संसद के अध्यक्ष अल्बान सुमना किंग्सफोर्ड बैगबिन ने कहा कि, 'कोई देश या महाद्वीप वैश्विक समस्याओं से अकेले नहीं जूझ सकता। हम सभी को मिलकर इनसे लड़ना होगा। यू.एन.चार्टर में बदलाव लाने की आवश्यकता है। धरती हमारे पुरखों से नहीं बल्कि, अपने बच्चों से उधार में मिली है।'

जोशुआ लिंकन- हमें वर्तमान समस्याओं से परे भी सोचना होगा

अमेरिका से आए डॉ. जोशुआ लिंकन ने कहा कि, 'हमें वर्तमान की समस्याओं से परे भविष्य के बारे में सोचना होगा'। इस अवसर पर क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति श्री स्टीपन मेसिक ने कहा कि यू.एन. को सिर्फ युद्ध के समय ही नहीं बल्कि सामान्य परिस्थितियों में भी सदैव एकता और शान्ति स्थापना के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। इस अवसर पर बुरण्डी के नेशनल असेंबली के अध्यक्ष गेलेज़ डेनियल नडाबीराबे समेत कई न्यायविदों और कानूनविदों ने अपने विचार रखे।

CMS संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी ने कहा

सम्मेलन के संयोजक और सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुख्य न्यायाधीशों ने सी.एम.एस. छात्रों की अपील को ध्यानपूर्वक सुना।' इस पर गहरा विचार-विमर्श किया। डॉ. गांधी ने न्यायविदों/कानूनविदों के विचार-विमर्श से पत्रकारों को विस्तार से अवगत कराया।

हाईकोर्ट परिसर देखा, की प्रशंसा

सी.एम.एस. के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हरिओम शर्मा ने बताया कि, 'CMS छात्रों ने आज विशाल विश्व एकता मार्च निकालकर दुनिया के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य का अलख जगाया। 61 देशों से पधारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद अध्यक्ष व कई अन्य गणमान्य हस्तियों समेत विभिन्न देशों के मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों ने ‘विश्व एकता मार्च’ की अगुवाई कर भावी पीढ़ी के लिए सरक्षित व सुखद भविष्य की आवाज बुलंद की। यह विश्व एकता मार्च कानपुर रोड स्थित पुरानी चुंगी से सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम तक निकाला गया'।

शर्मा ने ये भी बताया कि दिनभर की चर्चा-परिचर्चा के बाद सभी न्यायाधीश व कानूनविद् शाम के वक़्त नवीन हाईकोर्ट परिसर को देखा। इसकी वास्तुकला भी प्रशंसा की। इसके बाद विभिन्न देशों से पहुंचे न्यायविद सी.एम.एस. राजाजीपुरम कैंपस में आयोजित सांस्कृतिक संध्या एवं रात्रि भोजन में शामिल हुए।

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