Lucknow: गलत इलाज ने ले ली थी मरीज की जान, लोहिया अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग होम को अब देना होगा जुर्माना

Lucknow News: राज्य उपभोक्ता विवाद आयोग ने इस मामले में दोषी डॉक्टर अरूण श्रीवास्तव और नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर सुमित सेठ पर 1.27 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-16 10:21 IST

Lucknow wrong operation  (photo: social media )

Lucknow News: राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने लोहिया अस्पताल के डॉक्टर अरूण श्रीवास्तव और एक निजी नर्सिंग होम ‘लगायत‘ पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। मामला गलत इलाज के कारण एक मरीज की मौत से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर श्रीवास्तव ने एक मरीज के गॉल ब्लैडर में पथरी की सर्जरी निजी नर्सिंह होम की। मरीज की तबियत बिगड़ने के बाद उसे लोहिया अस्पताल लाए जहां उसने दम तोड़ दिया।

राज्य उपभोक्ता विवाद आयोग ने इस मामले में दोषी डॉक्टर अरूण श्रीवास्तव और नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर सुमित सेठ पर 1.27 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम 30 दिन में शिकायतकर्ता ज्ञानदेव शुक्ला के पास जमा करना होगा। इसके अलावा आयोग ने दोषी डॉक्टर की मेडिकल प्रैक्टिस पर रोक लगाने के साथ उक्त निजी नर्सिग होम ‘लगायत‘ को सील करने के आदेश भी दिए हैं।

क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला साल 2015 का है। फतेहपुर के कलेक्टरगंज निवासी ज्ञानदेव शुक्ला का बेटा शिवम शुक्ला यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। एक दिन उसने पेट दर्द की शिकायत की, जिसके बाद फतेहपुर में ही उसे दिखवाया गया। जांच में उसके गॉल ब्लैडर में पथरी निकलने की बात सामने आई। 13 जुलाई 2015 को ज्ञानदेव अपने बेटे शिवम को लखनऊ स्थित लोहिया अस्पताल लाए। यहां सर्जन डॉ. अरूण श्रीवास्तव ने शिवम के कई टेस्ट करवाए और ऑपरेशन करने की बात कही।

डॉ. श्रीवास्तव ने ज्ञानदेव से शिवम को सुरेंद्र नगर स्थित लगायत सर्जिकल क्लीनिक में भर्ती कराने को कहा। 20 जुलाई 2015 को नर्सिंग होम में शिवम को ग्लूकोज चढ़ाने के साथ ही 40 हजार रूपये वसूले गए। इसके बाद डॉ. श्रीवास्तव ने जब शिवम का ऑपरेशन किया तो उसकी तबियत बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्होंने शिवम को लोहिया अस्पताल ले जाने को कहा, जहां मरीज ने दम तोड़ दिया।

किस पर कितना जुर्माना

राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इस मामले को लेकर दोषी करार दिए गए डॉ. अरूण श्रीवास्तव पर 25 लाख रूपये और निजी नर्सिंग होम के संचालक पर 50 लाख रूपये का जुर्माना लगाया। दोनों राशियों पर 20 जुलाई 2015 से 12 प्रतिशत सालाना ब्याज लगेगा।

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