Lucknow: पीलीभीत से विधानसभा के सामने आत्मदाह करने पहुंचे पांच लोग, दबंगों पर हत्या और रेप के प्रयास का आरोप

Lucknow News: मौके पर पहुंची हजरतगंज पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर तत्काल थाने पहुंचाया। यहां उनसे पूछताछ जारी है।

Report :  Santosh Tiwari
Update:2024-10-03 14:20 IST

पीलीभीत से विधानसभा के सामने आत्मदाह करने पहुंचे पांच लोग  

Lucknow News: हजरतगंज पुलिस ने गुरुवार को एक बड़ी घटना होने से रोक ली। दोपहर में पीलीभीत जनपद से पांच लोग विधानसभा के सामने पेट्रोल लेकर आत्महत्या करने के इरादे से पहुंचे थे। वह अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने जा रहे थे इसी बीच वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया और तत्काल स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना दी गई। मौके पर पहुंची हजरतगंज पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर तत्काल थाने पहुंचाया। यहां उनसे पूछताछ जारी है। पीड़ितों ने अपने गांव के ही दबंगों पर भाई की हत्या, बहन से मारपीट, रेप के प्रयास, असलहा लेकर धमकाने समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।

भाई की हत्या, बहन से दुष्कर्म का प्रयास

पत्रकारों को जानकारी देते हुए पीलीभीत से आए पीड़ित ने बताया कि सितम्बर में उसके भाई से घर में मारपीट की गई। जब पीड़ितों ने 112 पर सूचना दी तो पुलिस ने पीड़ित को ही थाने में तीन दिन बैठाए रखा। इसके बाद आरोपियों ने भाई को थाने से निकलवाया और उसकी हत्या कर दी। शव को पेड़ से लटका दिया। इस मामले में जब पुलिस शिकायत करनी चाही तो आरोपी बीते माह की 8 तारीख को जबरन घर में घुस आए और उन्होंने तमंचा दिखाते हुए मारपीट की। बहन के कपड़े फाड़ दिए और उससे दुष्कर्म का प्रयास किया। आरोपी लगातार समझौते का भी दबाव बना रहे हैं। साथ ही धमका रहे हैं और पैसों की मांग भी कर रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि एक आरोपी अपने आप को वकील बताता है। पीड़ितों ने पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है।

पीलीभीत पुलिस को दी गई सूचना, लखनऊ आ रही टीम

पांच लोगों के आत्महत्या के लिए विधानसभा पहुंचने की खबर से अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना तत्काल पीलीभीत पुलिस को दी गई। SHO हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि पीलीभीत पुलिस की एक टीम को लखनऊ बुलाया जा रहा है। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को पीड़ितों के पास से दो लीटर पेट्रोल भी मिला है।

बड़ा सवाल- क्या जिलों में शून्य हो गई न्याय व्यवस्था

आज से पहले भी कई बार पीड़ित न्याय की लिए CM आवास से लेकर विधानसभा के सामने पहुंचे हैं। कई पीड़ितों ने CM तक से शिकायत की तो उनमें कई आत्महत्या का प्रयास भी कर चुके हैं। हाल ही में एक महिला ने भी खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी। बाद में इलाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई। सवाल यह है कि क्या प्रदेश के जिलों में न्याय व्यवस्था खत्म हो गई है। जो छोटे से लेकर गंभीर मामलों तक की सुनवाई के लिए पीड़ितों को राजधानी तक दौड़ना पड़ रहा है। लगातार घटनाएं होने के बावजूद अधिकारियों और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही।

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