Lucknow News: आखिर केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास को क्यों बचा रही पुलिस, अब नहीं दर्ज हुई FIR

Lucknow News: जानकारों का कहना है कि यदि विकोस अपनी लाइसेंसी पिस्टल सुरक्षित रखते तो यह वारदात न होती। इस लापरवाही के लिए विकास किशोर पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

Update:2023-09-02 09:24 IST
मृतक विनय श्रीवास्तव और मंत्री कौशल किशोर का बेटा विकास (सोशल मीडिया)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास के आवास पर विनय श्रीवास्तव की गोली लगने से मौत के बाद पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है। लेकिन, इस हत्याकांड में मंत्री के बेटे विकास किशोर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारों का कहना है कि यदि विकास अपनी लाइसेंसी पिस्टल सुरक्षित रखते तो यह वारदात न होती। इस लापरवाही के लिए विकास किशोर पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया है। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने केवल पिस्टल के लाइसेंस के निरस्तीकरण की बात कही।

दरअसल, जिस पिस्टल से विनय श्रीवास्तव को गोली मारी गई है, उसका लाइसेंस विकास किशोर के नाम पर है। पुलिस जांच में इस बात की पुष्टि भी हो गई है कि घटनास्थल पर विकास नहीं मौजूद थे। लेकिन, उनकी पिस्टल तकिए के नीचे रखी हुई थी। जब विनय का आरोपियों के साथ झगड़ा हुआ तो अंकित को आसानी से पिस्टल मिल गई। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि विकास किशोर ने पिस्टल को सुरक्षित जगह नहीं रखा था।

आर्म्स एक्ट-30 के तहत दर्ज होनी चाहिए FIR

विधि विशेषज्ञों के मुताबिक शस्त्रधारक की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने लाइसेंसी असलहे को सुरक्षित स्थान पर ऱखे साथ ही उसका दुरुपयोग न किया जाए। यह आर्म्स एक्ट-30 के तहत आता है। इसी एक्ट के तहत असलहाधारक यानी कि विकास किशोर पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। इस एक्ट में छह माह से लेकर एक साल तक की सजा का प्रावधान है।

ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरि के मुताबिक इस हत्याकांड की मुख्य वजह जुआ है। कानून के जानकारों का कहना है कि जिस प्रकार से घर के अंदर जुआ खेलवाया जा रहा था, उस हिसाब से मकान मालिक के खिलाफ जुआ अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। जिस घऱ में ये वारदात हुई है वह कौशल किशोर के नाम पर इस हिसाब से उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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