UP News: मेटा अलर्ट के जरिए पुलिस ने बचायी 10 लोगों की जिंदगी
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि बीते एक सप्ताह के भीतर ऐसे 14 मामलों का अलर्ट यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम को मिला था। जिस पर पुलिस ने दस लोगों को जिंदगी बचायी है।
UP News: बीते सप्ताह खुदकुशी का प्रयास करने वाले दस लोगों की यूपी पुलिस ने मेटा कंपनी के सहयोग से जान बचायी। सोशल मीडिया पर खुदकुशी करने के पोस्ट शेयर करते ही मेटा कंपनी के मुख्यालय से यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर पर फोन व ई-मेल के माध्यम से अलर्ट भेजा जाता है। जिसके बाद पुलिस ने सक्रिय होकर त्वरित कार्यवाही करते हुए अब तक दस लोगों की जान बचायी है।
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि बीते एक सप्ताह के भीतर ऐसे 14 मामलों का अलर्ट यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम को मिला था। जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए पुलिस ने दस लोगों को जिंदगी बचायी है। वहीं शेष चार मेटा अलर्ट में लोकेशन अस्पष्ट होने, घनी बस्ती में होने और फोन के स्विच ऑफ होने के कारण मदद नहीं भेजी जा सकी।
उन्होंने बताया कि मेटा कंपनी के साथ मिलकर काम करने के लिए यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर में एक अलग डेस्क बनाया गया है। जोकि 24 घंटे सोषल मीडिया पर सक्रिय रहती है। सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म जैसे फेसबुक या फिर इंस्टाग्राम पर कोई भी व्यक्ति खुदकुशी करने को लेकर पोस्ट शेयर करता है। तो मेटा कंपनी के मुख्यालय से यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर को तुरंत ई-मेल या फिर फोन के जरिए अलर्ट कर दिया जाता है। मेटा कंपनी के भेजे गये अलर्ट का संज्ञान लेकर पुलिस त्वरित कार्यवाही करती है।
जिंदगी बचाने के बाद की जाती है काउंसिलिंग
पुलिस महानिदेMक ने बताया कि यूपी पुलिस की सोशल मीडिया सेंटर की टीम 24 घंटे सक्रिय रहती है। ताकि लोगों का जीवन सुरक्षित रहे। उन्होंने बताया कि कानपुर जनपद में बीएससी की छात्रा पूजा, एक अन्य छात्रा, कुशीनगर में सिपाही भर्ती परीक्षा देने आये युवक और राजधानी लखनऊ निवासी बीए की छात्रा ने अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खुदकुषी करने को लेकर पोस्ट डाली थी। इन लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर खुदकुशी करने जा रहे हैं... दुनिया से अब विदा लेने चाहते हैं... जैसे मैसेज पोस्ट किये गये।
जिसके बाद मेटा कम्पनी ने तुरंत पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर पर अलर्ट भेजा। अलर्ट मिलते ही टीम सतर्क हो गई। सोशल मीडिया टीम ने सम्बन्धित थाने व यूपी-112 के वाहन के जरिये पुलिस को अवगत कराया। जिसके बाद कुछ ही मिनटों पर पुलिस उनके घर पहुंच गई और लोगों की जिंदगी बच गयी। पुलिस ऐसे लोगों की काउंसिलिंग भी कराती है। जिससे कि वह ऐसा आत्मघाती कदम दोबारा न उठा सकें।