RLD: जयंत चौधरी के नेतृत्व में RLD करेगी योगी सरकार का घेराव, इन मांगों को लेकर कल होगा लखनऊ में पैदल मार्च

RLD Demonstration: आरएलडी के नेता यूपी पुलिस में आयु की छूट को लेकर व किसानों के बकाए गन्ने के भुगतान की मांग के साथ किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे प्रदेश कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करेंगे।

Report :  Viren Singh
Update:2023-12-25 20:51 IST

RLD Demonstration: (सोशल मीडिया)  

RLD Demonstration: 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसानों के मुद्दों को उठाने से बनी राष्ट्रीय लोकदल पार्टी (RLD) कड़ाके की सर्दी के बीच राजधानी लखनऊ से अपनी सियासी धार को और तेजी करने का इरादा किया है। आरएलडी विभिन्न मुद्दों को लेकर योगी सराकर को घेरने के लिए मंगलवार को लखनऊ में पैदल मार्च निकालेगी। पार्टी के मुखिया एवं राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी के नेतृत्व में RLD के प्रदेश भर के कार्यकर्ता मंगलवार को राजधानी में सियासी पारा को चढ़ाते हुए पार्टी के प्रदेश कार्यालय से GPO गांधी प्रतिमा तक पैदल मार्च निकालेंगे।

इन मागों के लिए निकालेगा पैदल मार्च

बीते रविवार को राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने बागपत के अहैड़ा गांव में समरसता अभियान की शुरुआत की थी। इस दौरान यहां पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, संसद के शीतकालीन सत्र में बोले का मौका नहीं मिला है, इसलिए अब अपनी बात रखने के लिए सीधे जनता के बीच जाने की इच्छा बनाई है। इसको को देखते हुए आरएलडी के नेता यूपी पुलिस में आयु की छूट को लेकर व किसानों के बकाए गन्ने के भुगतान की मांग के साथ किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे प्रदेश कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करेंगे।

सरकार को दिया था 23 दिसंबर तक अल्टीमेटम

राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय यूपी सरकार को 23 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया था और गन्ना किसानों के मूल्य को बढ़ाने की मांग की। राय ने सरकार से गन्ना किसानों को 450 रुपये प्रति कुंटन करने की मांग की।

योगी ने नहीं पूरे किए गन्नों किसानों का वादे

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि सत्ता में आते ही गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिनों में किया जाएगा। अगर नहीं होता तो उन्हें ब्याज सहित भुगतान दिया जाएगा। सरकार को बने एक साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन इस पर अभी तक कोई कानून नहीं बना है। राय ने बताया कि सूबे की चीनी मिलों पर किसानों का 800 करोड़ रुपये बकाया है।

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