RSS Chief in Lucknow: मोहन भागवत के लखनऊ दौरे का आज दूसरा दिन, बीजेपी नेताओं से हो सकती है मुलाकात, 2024 की रणनीति पर होगी बात

RSS Chief in Lucknow: इससे पहले कल यानी शुक्रवार देर शाम को भागवत सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। दोनों के बीच गोपनीय बातचीत हुई।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-09-23 10:34 IST

RSS Chief Mohan Bhagwat  (photo: social media )

RSS Chief in Lucknow: अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर देश में सियासी बिसात बिछने लगी है। सत्ता पक्ष एनडीए हो या नवगठित इंडिया अलायंस आगामी चुनाव के लिए अपना एजेंडा सेट करने में जुटे हुए हैं। इन सबके बीच देश में सबसे सांसदों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का दौरा चल रहा है। भागवत शुक्रवार को चार दिवसीय प्रवास पर लखनऊ पहुंचे। शनिवार यानी आज उनके दौरे का दूसरा दिन है।

इससे पहले कल यानी शुक्रवार देर शाम को भागवत सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। दोनों के बीच गोपनीय बातचीत हुई। दरअसल, संघ प्रमुख के लखनऊ प्रवास को आगामी लोकसभा चुनाव और जनवरी में अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि मोहन भागवत अपने लखनऊ प्रवास के दौरान संघ और बीजेपी के नेताओं से फीडबैक लेंगे।

अवध प्रांत के प्रचारकों के साथ बैठक

अपने लखनऊ प्रवास के पहले दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया ने संघ के अवध प्रांत के कार्यकारिणी में शिरकत की। निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित कार्यकारिणी में अवध प्रांत के सात संभागों और संघ दृष्टि से 26 जिलों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में मोहन भागवत ने अवध में संघ के विस्तार, राष्ट्रवाद के मुद्दों को धार और हिंदुत्व के मुद्दों पर मंथन किया। इसके अलावा उन्होंन अवध प्रांत के प्रचारकों और पदाधिकारियों के साथ अलग से बैठक कर प्रांत में संघ के कामकाज की समीक्षा की।

बता दें कि संघ ने अवध को 13 प्रशासनिक जिले, 26 संघ जिले, 174 खंड और 1819 मंडल में विभाजित कर रखा है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों 1765 और शहरी क्षेत्रों 442 से अधिक शाखाएं संचालित हैं।

लोकसभा चुनाव पर होगा मंथन

संघ प्रमुख मोहन भागवत एकबार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। अब की बार वो सीएम योगी के अलावा दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत यूपी बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मकसद आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करना होगा। अगले साल दो अहम कार्य होने जा रहे हैं, पहला – अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन और दूसरा लोकसभा चुनाव।

संघ और बीजेपी की कोशिश है कि इस अहम मौके पर दोनों संगठन जमीन पर साथ आकर काम करें और हिंदुत्व एवं राष्ट्रवाद के मुद्दे को जन-जन के बीच पहुंचाएं। उनकी कोशिश होगी कि 90 के दशक की तरह एकबार फिर राम लहर पैदा किया जा सके। दक्षिण के नेताओं की ओर से सनातन विरोधी बयानबाजी और यूपी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी है। इन नेताओं के बयानबाजी के जरिए विपक्ष को हिंदू विरोधी साबित करने की कोशिश की जाएगी।

यूपी बीजेपी के लिए काफी अहम

2014 और फिर 2019 में स्पष्ट जनादेश के साथ लगातार दोबार केंद्र में सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश कितना अहम है, ये बताने की शायद जरूरत अब नहीं रह गई है। यूपी में बीजेपी का प्रदर्शन जितना खराब होगा, पार्टी के लिए दिल्ली उतनी दूर होती चली जाएगी। ऐसे में केंद्र में लगातार तीसरी बार बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए जरूरी है कि भाजपा न केवल अपना पिछला प्रदर्शन बरकरार रखे बल्कि उसे बेहतर भी करे। इसलिए यूपी में बीजेपी के नेता मिशन 80 की बात पिछले काफी समय से कर रहे हैं। प्रदेश में फिलहाल बीजेपी के पास 80 में से 64 सीटें हैं। वहीं दो सीटें सहयोगी दल अपना दल के पास है।

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