Lucknow University: रैगिंग के आरोपी छात्रों का निलंबन, हॉस्टल आवंटन भी निरस्त
Lucknow University: मुख्य कुलानुशासक प्रो. राकेश द्विवेदी ने बताया कि आरोपी छात्रों की ओर से प्रस्तुत जवाब पहली नजर में भ्रामक, मिथ्या और तथ्यों से परे पाए गए। इस मामले में 14 सितंबर को हसनगंज थाने ने भी एनसीआर की धारा 115(2), 352 दर्ज किया था।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में रैगिंग के आरोपी चार छात्रों को जांच होने या अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। अनधिकृत रूप से छात्रावास में दाखिल होने पर तीन अन्य छात्रों को भी निलंबित किया गया है। इस संबंध में मुख्य कुलानुशासक ने नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है।
छात्रों को निलंबित कर छात्रावास आवंटन निरस्त
एलयू में 17 सितंबर को एक छात्र ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर रैगिंग को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद 18 सितंबर को कुलानुशासक कार्यालय से छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया था। मुख्य कुलानुशासक प्रो. राकेश द्विवेदी ने बताया कि आरोपी छात्रों की ओर से प्रस्तुत जवाब पहली नजर में भ्रामक, मिथ्या और तथ्यों से परे पाए गए। इस मामले में 14 सितंबर को हसनगंज थाने ने भी एनसीआर की धारा 115(2), 352 दर्ज किया था। जिसके मद्देनजर रैगिंग की शिकायत पर चार छात्रों को विवेचनावधि तक विश्वविद्यालय निलंबित कर छात्रावास आवंटन निरस्त कर दिया गया है। परिसर में प्रवेश भी प्रतिबंधित किया गया है। मुख्य कुलानुशासक का कहना है कि सभी निलंबित छात्रों बीए चतुर्थ वर्ष के मंगेश कुमार यादव, अग्निवेश और बीए तृतीय वर्ष के अमन सिंह और आकाश को नोटिस जारी कर तीन दिन में लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।
एलबीएस छात्रावास में घुसने पर भी निलंबन
मुख्य कुलानुशासक प्रो. राकेश द्विवेदी ने बताया कि एलयू के मुख्य परिसर स्थित लाल बहादुर शास्त्र छात्रावास में 19 सितंबर की रात कुछ विद्यार्थी अनाधिकृत रूप से घुस गए थे। जिससे छात्रावास में रह रहे विद्यार्थियों का अध्ययन कार्य, छात्रावास की शांति और सुव्यवस्था प्रभावित हुई थी। इसके मद्देनजर बीए द्वितीय वर्ष के सेंट कुमार, बीकॉम ऑनर्स द्वितीय वर्ष क्षितिज सिंह और बीकॉम एनईपी द्वितीय वर्ष के अभय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इनका हॉस्टल भी निरस्त कर दिया गया है। प्रो. द्विवेदी का कहना है कि निलंबित छात्रों से तीन दिन में लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।