UP IPS Transfer: यूपी में तीन IPS अधिकारियों का तबादला, एडीजी अशोक कुमार सिंह से वापस ली गई डायल 112 की जिम्मेदारी

UP IPS Transfer: सीनियर महिला आईपीएस अधिकारी नीरा रावत इससे पहले अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन के पद पर तैनात थीं। रावत को डायल 112 की जिम्मेदारी देने के पीछे वजह भी है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-08 11:59 IST

UP Three IPS Transferred  (photo: social media )

UP IPS Transfer: डायल 112 की महिला संविदा कर्मियों के भारी विरोध – प्रदर्शन के बाद यूपी पुलिस में बड़ा फेरबदल हुआ है। योगी सरकार ने तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। जिनमें डायल 112 की जिम्मेदारी संभाल रहे एडीजी अशोक कुमार सिंह भी शामिल हैं। प्रदेश सरकार ने उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर नीरा रावत को सौंपी है। सिंह को पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया है।

सीनियर महिला आईपीएस अधिकारी नीरा रावत इससे पहले अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन के पद पर तैनात थीं। रावत को डायल 112 की जिम्मेदारी देने के पीछे वजह भी है। वो डायल 1090 के संचालन का जिम्मा सफलतापूर्वक संभाल चुकी हैं। वहीं, एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार को अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआईडी) का डीजी बनाया गया है। कुमार इससे पहले डीजी सहकारिता के पद पर तैनात थे।

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कार्यवाहक डीजीपी के पास था सीबीसीआईडी विभाग

सीबीसीआईडी विभाग प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार के पास था। सरकार उन्हें इस विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए आनंद कुमार को इसका डीजी बनाया है। दरअसल, विजय कुमार के DG CBCID रहते हुए गोंडा के दलित बुजुर्ग की हत्या के मामले में 6 साल में 14 बार जांच बदल दी गई थी। बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी जांच बदलने के मामले में उनके फर्जी लेटर पैड के इस्तेमाल की शिकायत की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इन्हीं वजहों से कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक को इस विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है।


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मंगलवार को लखनऊ में जमकर हुआ था बवाल

यूपी पुलिस के डायल 112 में तैनात महिला संविदा कर्मियों ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में भारी बवाल काटा था। उन्होंने ज्वाइनिंग लेटर और सैलरी बढ़ाने को लेकर एडीजी को अल्टीमेटम दे रखा था। फिर भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने कामकाज ठप कर दिया और सड़कों पर उतर आईं। महिला संविदा कर्मियों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद सीएम हाउस को घेरने निकल पड़ीं। जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। इस पूरे प्रकरण को ठीक से हैंडल न कर पाने के कारण एडीजी अशोक कुमार सिंह पर गाज गिरी है।



 


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