'हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ नहीं होने देंगे', मंदिर के प्रसाद में मिलावट के विरोध में विहिप का प्रदर्शन
Lucknow News : विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि हिंदू समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
Lucknow News : विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ने सोमवार को तिरुपति बालाजी के प्रसाद में गाय, सुअर की चर्बी एवं मछली का तेल पाए जाने के विरोध में अशोक सिंघल चौराहा पर विशाल धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कहा गया कि हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है, यदि जरूरत पड़ी तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि हिंदू समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि भारत में आजादी के 77 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी हिंदुओं को मंदिरों के संचालन की अनुमति सभी जगह नहीं है, जबकि अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति है, ऐसा संविधान सम्मत नहीं है। सरकारों द्वारा अपने निहित स्वार्थवश मंदिरों का अधिग्रहण करना संविधान की धारा 12, 25 व 26 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है।
मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए
प्रांत मंत्री देवेंद्र ने कहा कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिए तथा हिंदू मंदिरों से होने वाली आय का उपयोग केवल मंदिरों के विकास तथा धार्मिक कार्यों में किया जाना चाहिए। प्रांत अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रवाल ने कहा कि हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान धरने में बड़ी संख्या में विश्व हिंदू परिषद लखनऊ महानगर के पदाधिकारी व कार्यकर्ता ओर हिंदू समाज के लोग मौजूद रहे।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बीते दिनों दावा किया था कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद (लड्डू) में बनाने में पशु बसा का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि पूर्ववर्ती जगन मोहन सरकार के दौरान प्रसाद बनाने के लिए मिलावटी घी का इस्तेमाल किया जाता था। आंध्र प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। वहीं, पूर्व सीएम जगन मोहन ने उनके दावे को खारिज कर दिया था। उन्होंने सीएम नायडू पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए सीएम चंद्रबाबू ने प्रसाद के मुद्दे को उठाया है। सीएम चंद्रबाबू ने प्रसादम पर सवाल उठाया जो तिरुमाला की पवित्रता और गौरव पर सवाल उठाता है।