ऑपरेशन मासूम: मारा गया सिरफिरा,11घंटे बाद सकुशल छुड़ाए गए सभी बंधक 23 बच्चे

यूपी के फर्रुखाबाद  में बंधक बनाए गए सभी 23 बच्‍चों को सकुशल छुड़ा लिया गया है। 11 घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत सिरफिरे की मौत के साथ हुआ. बताया जाता है कि आरोपी व पुलिस के बीच काफी देर मुठभेड हुयी, जिसके बाद आरोपी को मार गिराया गया।

Update:2020-01-31 05:58 IST

फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद में बंधक बनाए गए सभी 23 बच्‍चों को सकुशल छुड़ा लिया गया है। 11 घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत सिरफिरे की मौत के साथ हुआ. बताया जाता है कि आरोपी व पुलिस के बीच काफी देर मुठभेड हुयी, जिसके बाद आरोपी को मार गिराया गया।सभी बच्चों का मेडिकल कराकर घर भेज दिया गया है। सभी बच्चों के सुरक्षित बचाए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुशी जाहिर की है।

सीएम ने इस ऑरेशन को सफल बनाने वाली पुलिस टीम को 10 लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है। बता दें कि युवक ने मोहल्ले के 23 बच्चों को घर में बर्थडे पार्टी का बहाना करके बुलाया था, उसके बाद उन्हें बंधक बना लिया। आरोपी से जब बात करने की कोशिश की गई तो उसने फायरिंग की, जिसके बाद पुलिस टीम ने पूरे इलाके को घेर लिया था।

 

मुख्य बिंदु

सुभाष बाथम को पुलिस ने मार गिराया

बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चे सुरक्षित छुड़ाए गए

पुलिस टीम को 10 लाख रुपये का इनाम देंगे सीएम योगी

आरोपी ने दोपहर करीब 2:30 बजे बनाया था बंधक

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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है। घर के अंदर बच्चों के बंधक बने होने के कारण ऑपरेशन में ज्यादा वक्त लगा। सभी बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद आरोपी सुभाष बाथम को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि इस ऑपरेशन को सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया।

 

मुख्यमंत्री ने की देर रात बैठक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फर्रुखाबाद में बच्चों के बंधक बनाने के मामले पर उच्चस्तरीय बैठक की । इस बैठक में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), डीजीपी, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर मौजूद रहे। सीएम योगी ने इस घटना की पूरी जानकारी लिया और अधिकारियों से बच्चों को सुरक्षित निकालने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुरक्षित बचाना हमारी प्राथमिकता है। इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पीवी रामशास्त्री ने बताया कि क्विक रिस्पॉन्स टीम और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम मौके पर मौजूद रही और फिर एटीएस भी पहुंची।

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इस वजह से था नाराज

युवक ने डीएम को दिए मांग पत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना का घर न मिलने और शौचालय न बनने पर नाराजगी जताई थी। सिरफिरे ने इस पत्र में ग्राम प्रधान समेत सचिव व डीएम को इसके लिए दोषी बताया था। बताया जाता है कि सिरफिरे ने अपनी मांग से जुड़ा पत्र घर के बाहर फेंका था, जिसे जिलाधिकारी को दे दिया गया था। सुभाष बाथम ने दो साल पहले अपने मौसा की हत्या कर दी थी।

 

एक साल पहले वह जमानत पर छूटकर आया था उसकी 10 साल की एक बेटी भी है। गुरुवार दोपहर उसने अपनी बेटी के जन्मदिन के बहाने गांव के बच्चों को घर बुलाया था बच्चे दोपहर 2:30 बजे घर पहुंचे थे। इसके बाद उसने घर अंदर से बंद कर लिया था। करीब 4:30 बजे एक महिला अपने बच्चे को लेने के लिए सुभाष के घर पहुंची तो पता चला कि अंदर बच्चे बंद हैं। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई।

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