Sonbhadra: माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यालय पर दिखाई ताकत, दिया प्रदेश स्तरीय आंदोलन का अल्टीमेटम

माध्यमिक शिक्षक संघ और प्रदेश सरकार के बीच मानदेय सहित कई मसलों पर समझौता हुआ था। तीन साल व्यतीत होने के बाद भी सरकार अब तक उस समझौते को लागू नहीं कर पाई है।

Update: 2022-07-19 13:14 GMT

Teachers protest at Sonbhadra (Image: Newstrack)

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Sonbhadra: पूर्व में हुए समझौते के क्रम में वित्तविहीन शिक्षकों को कोषागार के जरिए निर्धारित मानदेय देने, पुरानी पेंशल बहाल करने, विनियमितीकरण सहित नौ सूत्री मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन कर आवाज उठाई। प्रदेश अध्यक्ष चेतनारायण सिंह और प्रदेश मंत्री राजेंद्र तिवारी की अगुवाई में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी एडीएम सहदेव मिश्रा को जाकर सौंपा। मांगों पर जल्द संजीदगी न दिखाए जाने पर प्रदेशस्तरीय आंदोलन का अल्टीमेटम भी दिया।

प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी चेत नारायण सिंह ने कहा कि पूर्व में प्रदेश सरकार और माध्यमिक शिक्षक संघ के बीच हुए समझौते में वित्तविहीन शिक्षकों को प्रतिमाह कोषागार के जरिए 15 हजार मानदेय दिए जाने की बात तय हुई थी लेकिन अब तक उस समझौते पर अमल नहीं किया जा सकता है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए कहा कि जब तक प्रदेश सरकार इस मांग को स्वीकार नहीं कर लेती, तब तक आवाज उठती रहेगी।

उन्होंने कहा कि कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ और प्रदेश सरकार के बीच मानदेय सहित कई मसलों पर समझौता हुआ था। तीन साल व्यतीत होने के बाद भी सरकार अब तक उस समझौते को लागू नहीं कर पाई है। अब संघर्ष ही एकमात्र रास्ता बचा है, जिसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है।

प्रदेश मंत्री राजेंद्र तिवारी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षकों के विनियमितीकरण, शिक्षकों को दूसरे विभागों की भांति कैशलेश चिकित्सा सुविधा प्रदान करने, स्थानांतरण प्रक्रिया में सरलीकरण आदि को लेकर भी लंबे समय से आवाज उठाई जा रही है लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर जल्द इस पर संजीदगी नहीं दिखाई गई तो प्रदेश भर के शिक्षक आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने के लिए बाध्य होंगे।

मंडल अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी, संयोजक गुलाब राय, जिलाध्यक्ष डॉ संजय कुमार का कहना था कि शिक्षक भुखमरी के कगार से गुजर रहा है। वर्तमान सरकार की शिक्षकों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। पुरानी पेंशन बहाली पर भी कोई पहल नहीं की जा रही है। कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों पर संजतीदगी नहीं दिखाई जाएगी, तब तक विरोध प्रदेर्शन का क्रम बना रहेगा। संजय पाठक ,अजय कुमार, राहुल, प्रतिमा पांडेय, सत्यनारायण, मनोहर ,गोविंद धर दुबे आदि ने भी शिक्षक हितों की अनेदखी के मसले पर सरकार को घेरा और जल्द ही इस मसले पर आंदोलन की राह पकड़ने की बात कही। 

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