प्रदेश के इस जिले में श्रावण मास में कुछ इस तरह महाकाल की होती है विशेष आराधना
श्रावण मास में प्रत्येक प्राणी को अपने एवं अपने परिवार की स्वास्थ्य कामना के लिये शिव जी का विशेष पूजन करना चाहिये।
झांसी: श्रावण मास में प्रत्येक प्राणी को अपने एवं अपने परिवार की स्वास्थ्य कामना के लिये शिव जी का विशेष पूजन करना चाहिये। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि का फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की महा शिवरात्रि के समान हि विशेष महत्व है।
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शिव जी की विशेष उपासना एवं कृपा प्राप्ति का श्रावण मास दिनांक 6 जुलाई से प्रारम्भ होकर 3 अगस्त रक्षा बंधन को पूर्ण होगा। इस बार एक विशेष अद्भुत संयोग वन रहा हे कि प्रारंभ भी सोमवार से एवं समापन भी सोमवार को हो रहा है। इस श्रावण मास में 3 सोमवार कृष्ण पक्ष में एवं 2 सोमवार शुक्ल पक्ष में होंगे। इस श्रावण मास में 8 दिन की विशेष उपासना का संयोग वन रहा है। 5 सोमवार 2 प्रदोष एवं 1 मासिक शिवरात्रि जो कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होती है। प्रदोष 18 जुलाई एवं 1 अगस्त मासिक शिवरात्रि तक होगी।
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माता गोरी पार्वती ने महादेव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिये श्रावण मास में निर्जन वन में रहकर निराहार एवं जल त्याग कर श्रावण मास से वृत प्रारंभ कर भाद्र पद शुक्ल 3 को वृत पूर्ण कर महादेव को प्राप्त किया। श्रावण मास में स्नान कर भस्म एवं रुद्राक्ष धारण कर शिव जी का दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गंगाजल, गुलावजल, पंचामृत एवं फलों के रस से अभिषेक कर वस्त्र, जनेउ,चन्दन, गन्ध से पूजन कर गुलाब, कनेर, धतूरा, अकौआ, शमी पत्र, बेलफल, बेल पत्री, भस्म एवं भांग तथा प्रसाद ऋतु फल समर्पित कर भगवान आशुतोष से प्रार्थना करें।
आज सम्पूर्ण विश्व के प्राणी इस कोविड 19 नाम की महामारी के रोग से पीड़ित हैं एवं बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है। सभी भक्तों से धर्माचायो से निवेदन है कि जन मानस को इस श्रावण मास में वर्तमान समय के सभी नियमों सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये। भगवान महाकाल जो बड़ी से बड़ी पीड़ा को हरने वाले हैं। विश्व के प्राणी की स्वास्थ्य कामना एवं महामारी की समाप्ति के लिये ओम नम शिवाय एवं महा मृत्युंजय मँतर का जाप करने के लिये प्रेरित करें।
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