मलेशियाई उलेमा प्रतिनिधि मंडल पहुंचा दारुल उलूम , बोला खिदमत लिखने लायक
इस्लामिक देश मलेशिया के उलेमा का प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद पहुंचा और संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की। मलेशियाई उलेमा ने कहा कि दारुल उलूम की खिदमत सुनहरे अल्फाजों में लिखने
सहारनपुर: इस्लामिक देश मलेशिया के उलेमा का प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद पहुंचा और संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की। मलेशियाई उलेमा ने कहा कि दारुल उलूम की खिदमत सुनहरे अल्फाजों में लिखने लायक है। दारुल उलूम इस्लाम को उसकी असल शकल में पेश कर पूरी दुनिया के मुसलमानों की रहनुमाई कर रहा है।
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सोमवार को दारुल उलूम मलेशिया के मोहतमिम मौलाना अब्दुल हादी के नेतृत्व में देवबंद पहुंचे मलेशियाई उलेमा के छह सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने दारुल उलूम देवबंद के मेहमानखाने में संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की। मलेशियाई उलेमा ने कहा कि दारुल उलूम दीन का गहवारा है। उनके मुल्क सहित दुनिया के अन्य मुस्लिम देशों में सुन्नी मदरसे दारुल उलूम देवबंद की तर्ज पर ही चलाए जा रहे हैं।
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कहा कि दारुल उलूम इस्लाम को असल शकल में पेश कर पूरी दुनिया के मुसलमानों की रहनुमाई कर रहा है। कहा कि दारुल उलूम सिर्फ इस्लामी शिक्षा का प्रचार प्रसार ही नहीं कर रहा है बल्कि अपने फतवों के जरिये देश-विदेश के मुसलमानों के दीनी मसाइल भी हल कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के लिए दारुल उलूम और देवबंदी उलेमा की जो कुर्बानियां हैं, वह सुनहरे अलफाजों में लिखने लायक हैं।
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संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने मलेशियाई उलेमा के प्रतिनिधि मंडल का खैरमखदम करते हुए संस्था में दी जाने वाली शिक्षा और तरबीयत के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके उपरांत मलेशियाई उलेमा ने प्रसिद्ध मस्जिद रशीद, दारुल उलूम की लाईब्रेरी में रखी नायाब पुस्तकों के अलावा दारुल उलूम की अन्य तारीखी इमारतों का भ्रमण किया। प्रतिनिधि मंडल में मौलाना अब्दुल हादी के अलावा मोहम्मद अशरफ, लुकमान इस्माईल, उमर सिद्दीकी, मोहम्मद जुलमाजदी, युहाईदी शामिल रहे।