Sonbhadra: अवैध खनन से देवी शक्तिपीठ कुंड वासिनी को खतरा, सोनभद्र को मिले पर्यटन जिले का दर्जा, बैठक में उठी मांग

Sonbhadra News : सोनभद्र में अवैध बालू खनन की वजह से मां कुडवासिनी धाम पर भी खतरा मंडराने लगा है। पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में इस धाम सहित कई अन्य मुद्दों को उठाया गया।

Update:2022-10-17 19:59 IST

देवी शक्तिपीठ कुंड वासिनी

Sonbhadra News : सोनभद्र जिले (Sonbhadra district) में मध्य प्रदेश की सीमा के पास सोन नदी के किनारे स्थित मां कुडवासिनी धाम (देवी के 108 शक्तिपीठ में एक की मान्यता) पर भी कथित अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) के चलते खतरा होने की बात पूर्वांचल विकास बोर्ड तक पहुंचने से हड़कंप मच गया है। बता दें, कि पिछले हफ्ते बोर्ड बैठक की कार्यवृत्ति में इस बात का जिक्र किया गया था।  सोनभद्र में प्रदूषण की गहराती समस्या और प्राकृतिक सुषमा से भरपूर जिले को पर्यटन जिले का दर्जा दिए जाने की भी मांग पूर्वांचल विकास बोर्ड के जरिए उठाई गई है।

राज्य नियोजन संस्थान के विशेष सचिव आशुतोष निरंजन की तरफ से कार्यवृत्ति जारी करने के साथ ही, संबंधित विभागों से बोर्ड की अगली बैठक से पूर्व, पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में उठे मसलों और सुझावों का परीक्षण करते हुए आख्या प्रेषित करने और कार्रवाई की स्थिति में, की गई कार्रवाई से अवगत कराने के लिए कहा गया है।

बोर्ड की बैठक में इन प्रमुख बिंदुओं पर हुई चर्चा

बताते चलें कि, पिछले माह गोंडा में बोर्ड की बैठक में हुई थी, जिसमें  बोर्ड के सदरस्य ओमप्रकाश गोयल की तरफ से सोनभद्र के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का जिक्र करते हुए, इसके संरक्षण और संवर्धन की मांग रखी गई थी। नाथ संप्रदाय के प्रवर्तक मत्स्येंद्रनाथ, कागभुसुंडी, महान संत कीनाराम, अष्टचिरंजीवियों में एक महाऋषि मारकंडेय, कण्व ऋषि, चंद्रमा ऋषि, च्यवन ऋषि, दुनिया के अजूबे फासिल्स, यूपी की एकमात्र ब्लैक बक घाटी, बौद्ध-जैन संप्रदाय के प्रवर्तकों से जुड़े स्थलों का जिक्र करते हुए सोनभद्र को पर्यटन जिला घोषित करते हुए पर्यटन हब बनाने की जरूरत पर बल दिया गया।

महामंगलेश्वर धाम आवागमन में आने वाली दिक्कत का जिक्र 

ओंकारेश्वर घाटी स्थित महामंगलेश्वर धाम के यहां आने-जाने में रास्ते की दुर्गमता के चलते आने वाली दिक्कत का जिक्र करते हुए, कथित अवैध बालू खनन के चलते प्राचीन सिद्धपीठ तथा देवी के 108 शक्तिपीठों में एक की मान्यता रखने वाले मां कुंड वासिनी के प्राचीन मंदिर को खतरा होने की जानकारी दी गई। बीजपुर के पास स्थित अजीरेश्वर महादेव मंदिर के पास नदी में पानी की उपलब्धता के लिए रपटा निर्माण, वन क्षेत्र में अवैध कटान के चलते कई प्राचीन गुफाओं और प्रागैतिहासिक कालीन गुफा चित्रों पर गहराते संकट के प्रति भी ध्यान आकृष्ट कराया गया।

विंध्याचल कॉरिडोर की तरह शिवद्वार धाम का भी हो विकास

पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में ओमप्रकाश गोयल की तरफ से उमा-महेश्वर के अतुलनीय विग्रह वाले ऐतिहासिक धाम शिवद्वार को विन्ध्य धाम कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित कर यहां भी कॉरिडोर बनाए जाने की मांग रखी गई। साथ ही जिले में पुरातात्विक महत्व की प्राचीन मूर्तियां आदि के मिलने का जिक्र करते हुए, इसके लिए मुख्यालय पर एक संग्रहालय की स्थापना पर बल दिया गया। बताते चलें कि सोनभद्र एक ऐसा जनपद है, जहां दुनिया का अजूबा फासिल्स समेत पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थल तो मौजूद हैं ही, प्राथमिक सुषमा से भरपूर जंगलों-पहाड़ों में रोमांच भरा पगडंडिया को सफर यहां आने वाले को कुछ क्षण के लिए किसी और ही दुनिया में पहुंचा देता है।

उधर गुप्तकाशी ट्रस्ट के संयोजक रवि प्रकाश चौबे का कहना था कि एक-दो दिन में इस मसले पर डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा और पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में उठे मसलों पर आवश्यक पहल की मांग की जाएगी। 

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