मथुरा: बरसाना में बरसे लड्डू, श्रीजी मंदिर में भक्तों ने धूम-धाम से खेली होली

आज बरसाना के प्रमुख श्रीजी मंदिर में बड़े ही धूम-धाम से लड्डू होली खेली गई। बरसाना की लट्ठमार होली से ठीक एक दिन पहले खेली जाने वाली इस लड्डू होली का बृज में विशेष महत्त्व है।

Update:2021-03-22 22:29 IST
मथुरा: बरसाना में बरसे लड्डू, श्रीजी मंदिर में भक्तों ने धूम-धाम से खेली होली

मथुरा: आज बरसाना के प्रमुख श्रीजी मंदिर में बड़े ही धूम-धाम से लड्डू होली खेली गई। बरसाना की लट्ठमार होली से ठीक एक दिन पहले खेली जाने वाली इस लड्डू होली का बृज में विशेष महत्त्व है। इस दिन नंदगाँव के हुरियारों को न्यौता देकर पांडा बरसाना लौटता है, जिसका सभी लड्डू फेंक कर स्वागत करते हैं। हालांकि इस बार कोरोना वायरस के चलते भी श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं है और श्रद्धालु कोरोना के दौर में ब्रज में जमकर राधा रानी और कान्हा की करुणा बटोर रहे है और उनमें कोई खौफ भी नजर नहीं आ रहा है।

बेहद प्राचीन है लट्ठमार होली की परम्परा

बृज में लट्ठमार होली की परम्परा बेहद प्राचीन है और बरसाना को इसका केंद्र माना जाता है। बरसाने की लट्ठमार होली के विश्व प्रसिद्ध होने की वजह है। इसका परंपरागत स्वरुप बरसाने की हुरियारिनो से होली खेलने के लिये नंदगाँव के हुरियारे आते है और इसके लिये बाकायदा एक दूत न्यौता देने नंदगाँव पहुंचता है, जो आज के दिन लौट कर बरसाना आता है।

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इस दूत को यहाँ पांडा कहा जाता है और जब ये पांडा लौट कर बरसाने के प्रमुख श्रीजी मंदिर में पहुंचता है तो यहाँ मंदिर में सभी गोस्वामी इकठ्ठा होकर उसका स्वागत करते हैं और बधाई स्वरुप पांडा पर लड्डू फेंकते हैं। उसके बाद मंदिर प्रांगण में मौजूद भक्त भी पांडा के ऊपर लड्डू फेंकते है, जिसे हम सभी लड्डू होली के नाम से जानते है।

देश के कोने-कोने से भक्त पहुँचते हैं बरसाना

इस होली में शामिल होने के लिये देश के कोने-कोने से भक्त बरसाना पहुँचते हैं और लड्डू होली का आनंद उठाते हैं। होली को लेकर जिला अधिकारी मथुरा नवनीत सिंह चहल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कोरोना वायरस के चलते तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं हम लोगों से अपील कर रहे हैं लोग मास्क लगा कर आए।

बरसना के लाडली मंदिर में खेली गयी लड्डू होली इसे देखने की लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े, जिसमें श्रद्धालु पर पहले से राधारानी मंदिर के सेवायत द्वारा लड्डू फेक कर होली की सुरुआत की जाती है। उसके बाद श्रद्धालु अपने साथ लाये लड़डूओं को एक दूसरे पर मार कर होली का आनंद लेते हैं और नाचते-गाते और गुलाल उड़ाते हैं और पूरी तरह होली के रंग में रंग जाते हैं और भगवान के साथ होली खेल कर मस्त हो जाते हैं।

लड्डू से होली

इस होली में शामिल होने वाले भक्तों के उत्साह की एक खास वजह यह है कि जो लड्डू खाने के लिये होता है इस दिन उन्हें इससे होली खेलने का मौका मिलता है और साथ ही अगले दिन होने वाली लट्ठमार होली को खेलने के लिये इनका उत्साह इनको अलग आनंद देता है।

एक तरफ ब्रज में होली के लिए आने वाले श्रदालु अपने को सौभाग्य शाली मान रहे है तो वहीं कान्ह के संग मयूर लीला का मंचन करने वाले कलाकार भी ब्रज में अपनी प्रस्तुति को अपने लिए सौभाग्य का पल बताते है।

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एक तरफ देश मे कोरोना के मामले बढ़ रहे है, लेकिन बरसाना में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना का कोई खैफ नहीं है उनका मानना है कि बरसाना में राधा कृष्ण के प्रेम की बरसात हो रहा है और कोरोना उनका कुछ नही बिगाड़ सकता ।

आज बरसाना में लड्डुओं की बरसात का देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु आनद ले रहे है तो वही कल राधा कृष्ण के भक्त राधा कृष्ण की प्रेम पगी लाठियों से खेले जाने वाली होली का आनंद लेंगे।

रिपोर्ट: नितिन गौतम

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