इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में यमुना का पानी दूषित होने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बारबार समय दिये जाने के बावजूद जिलाधिकारी द्वारा जवाब न आने को गंभीरता से लिया है, और जिलाधिकारी मथुरा को 28 अगस्त को कार्यवाही रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति कृष्ण सिंह की खण्डपीठ ने भी यमुना सेवा संस्थान की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को यमुना नदी का रंगीन फोटोग्राफस भी मांगा था। याचिका में यमुना जल अत्यंत प्रदूषित होने के लिए जिला प्रशासन व स्थानीय निकाय अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार माना गया है।
याची का कहना है कि जल इतना दूषित है, कि मछलियां मर रही हैं। पानी नहाने लायक नहीं रह गया है। श्रद्धालुओं को नहाने से बीमारी हो रही है और जिला प्रशासन का कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। कोर्ट ने डीएम को जवाब दाखिल करने का दो बार समय दिया। एक माह बीत जाने के बाद भी कोर्ट आदेश का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने सरकार के बार बार समय मांगने पर भी नाराजगी जतायी।