Mathura News: कसाई-ईसाई चेत जाएं, संत हथियार उठा चुके सिर्फ इशारे की देर... जगद्गुरु परमहंस की चेतावनी
Mathura News: आचार्य परमहंस ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र बनने की ओर आगे बढ़ रहा है संत महात्माओं ने हिंदू राष्ट्र के लिए अभियान को और तेज कर दिया है।
Mathura News: तपस्वी छावनी अयोध्या पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य मंगलवार शाम को सुनरख मार्ग स्थित महेश्वरधाम पहुंचे। जहां भारत के हिंदू राष्ट्र घोषित होने तक 12 मार्च 2022 से अनवरत चले आ रहे त्रियुगीनारायण अखंड धूनी के समक्ष श्री राम महायज्ञ में हवन किया, वहां मौजूद संत और भक्तों ने जगतगुरु का जोरदार स्वागत किया। इसी बीच आचार्य ने एक विवादित बयान देकर कानून को खुली चुनौती दे दी है।
आचार्य परमहंस ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र बनने की ओर आगे बढ़ रहा है संत महात्माओं ने हिंदू राष्ट्र के लिए अभियान को और तेज कर दिया है। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 7 नवंबर तक सरकार भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करे अन्यथा संत शस्त्र उठाने से पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि हमने एक गोपनीय सेना का गठन किया हे जो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का काम करेगी। यह सेना जो भी रोड़ा हिंदू राष्ट्र बनने में आएगा उसको दूर करेंगे चाहे उसके लिए हथियार उठाना पड़े तलवार की नोक पर काम कराना पड़े उसके लिए हमे कोई गुरेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 25 करोड़ संतो की सेना तैयार हो गई है।
अभी तक हिंदू भाई मानता रहा ऑर यह लोग हमको चारा समझ कर काटते रहे। अभी तक हिंदुओ पर वार हुआ है और अब पलटवार की स्थिति बनी हे । जिस दिन स्थिति बनेगी उसी दिन ईसाई और कसाई को हम दिखा देंगे। कि जो इन लोगो ने हमारी बहन बेटियों के साथ कृत्य किया हे उसका बदला लेंगे। उसका रास्ता घर वापसी से होगा। उन्होंने कहा की 7 नवंबर 2023 से हमारा आमरण अनशन शुरू होगा और यदि इस बीच में हिंदू राष्ट्र घोषित नही हुआ तो यदि 21 नवंबर 2023 से हमारी सेना ईसाई और कसाई का संघार करेगी।
मायावती के बयान को बताया गलत
उधर परमहंस ने मायावती के उस बयान पर भी चर्चा की जिसमे मायावती ने कहा था कि जल्द बाजी में मजार नही तोड़ी जानी चाहिए। राजनीतिक बयान बताते हुए कहा कि मायावती का यह बयान गलत है। इस्लाम में बुत परिस्ती हराम है किसी भी आकार की पूजा प्रतिबंधित है। मजार तो बनानी ही नहीं चाहिए। उन लोगो को यदि मजार नहीं हटाई जाएंगी तो सारी जमीन खत्म हो जाएगी। हजारों वर्ग मीटर जमीन मजारों में तब्दील हो चुकी है। मजार हटा दी जाए तो देश कितना डवलप होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। इसलिए मायावती का बयान तुष्टिकरण से प्रेरित है और इस्लाम और देश के खिलाफ है। इसलिए मायावती का बयान राष्ट्र विरोधी बयान है ।
काग्रेस को सुझाव
उधर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस दिन से कांग्रेस ने राम को काल्पनिक कहा उसी दिन से उसका पतन होना शुरू हो गया। ऐसी स्थिति में इनको यह याद रखना चाहिए कि बजरंग बली की गदा घुमाने से इनको कोई लाभ नहीं होने वाला है। इनको याद रखना होगा की राम विरोधियों से हनुमान जी खुश नहीं होते। इन लोगों को याद रखना होगा कि यदि हनुमान जी को खुश करना है तो रा जी को खुश करके चलो तो वह खुद व खुद खुश हो जायेंगे ।
लव जिहाद , धर्मांतरण के साथ साथ अब गेम जिहाद पर प्रतिक्रिया देते हुए परमहंस ने कहा कि दो ऐसे लोग हैं, जो सनातन संस्कृति को निगलना चाहते हैं। एक ईसाई दूसरा इस्लाम। ईसाइयों के 157 देश बन गए इसी तरह और मुसलमानों के 57 राष्ट्र बन गए। दोनों ही कनवरजन के मध्यम से इस्लाम और ईसाई राष्ट्र बनाने में लगे हुए है। गेम जिहाद सहित सारे विवाद उस दिन खत्म हो जाएंगे जिस दिन भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो जायेगा क्योंकि देश का बटवारा हिंदू मुस्लिम के नाम पर हुआ था। मुसलमान और ईसाई को वोट का अधिकार खत्म होना चाहिए। सरकारी सुविधा सरकारी नौकरी खत्म हो। यदि यह खत्म नहीं होगा तब तक आए दिन जिहाद किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा ।
हिंदू राष्ट्र के नाम पर ही संतो के बटे होने पर आचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदू राष्ट्र का नाम ही राम राज्य है। दोनों का मतलब एक ही है, बस समझने की जरूरत है। आरएसएस वाले अखंड भारत की बात करते हैं तो हमारा भी कहना यही है कि उसका रास्ता भी हिंदू राष्ट्र से होकर जाता है। यदि अखंड भारत हम बना लिए तो भी एक ही रात में हिंदुओं का कत्ल हो जायेगा। हिंदुस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमान एकजुट हो जायेंगे तो हिंदुओ को खा जायेंगे।
लिव-इन में बढ़ रही हत्याओं पर बोले
लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान बढ़ रहे हत्याओं के मामले पर आचार्य परमहंस ने कहा कि यह मानवता विरोधी है। भारतीय संस्कृति विरोधी तो है ही सम्पूर्ण मानवता के लिए कलंकित है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया और सवाल खड़ा किया की ऐसी कुप्रथाओ को सुप्रीम कोर्ट क्यों मान्यता दे देता है। ऐसी प्रथाओं को समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम न्यायालय का सम्मान करते हे और अपेक्षा करते हे कि ऐसा कोई कानून नहीं होना चाहिए जो भारतीय संस्कृति विरोधी हो।
उन्होनें बताया कि हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए उन्होंने 25 करोड़ संतों की सेना तैयार कर ली है, नवंबर तक सेना की शक्ति 50 करोड़ हो जाएगी। कहा कि आज देश का 100 करोड़ हिंदू भारत को एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र देखना चाहता है। इसी भावना को सर्वोपरि रखते हुए उनके द्वारा यह संकल्प लिया गया है। वहीं महेश्वर पीठाधीश्वर जगतगुरु महामंडलेश्वर आचार्य धर्मेंद्र गिरी गोस्वामी को त्रिशूल बाबा का नाम दिया। त्रिशूल बाबा ने कहा कि हिंदू राष्ट्र के जिस संकल्प को लेकर देश का संत महात्मा आगे बढ़ा है उसे 2024 में हर हाल में पूरा कराया जाएगा इसके लिए आवश्यकता पड़ी तो संत महात्मा शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र को उठाने से भी नहीं चूकेंगे।