Mathura News: मथुरा से बड़ी खबर, कृष्ण जन्मभूमि के पास अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर SC ने लगाई रोक
Mathura News:कोर्ट ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को बड़ी राहत देते हुए अगले 10 दिन तक बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी है।
Mathura News: मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने रेलवे द्वारा अवैध बस्तियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी किया है। खबरों के मुताबिक, अब तक हुई कार्रवाई में करीब 100 अवैध बस्तियों को जमींदोज किया जा चुका है। कोर्ट ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को बड़ी राहत देते हुए अगले 10 दिन तक बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी है।
एक हफ्ते बाद अगली सुनवाई
रेलवे की जमीन पर बसी अवैध बस्ती के खिलाफ चल रही बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिकाकर्ता याकूब ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कीं। सुनवाई के दौरान उनकी ओर से बताया गया कि वहां पर अब तक 100 घरों को गिराया जा चुका है। अब महज 70-80 घर ही बचे हैं। इसलिए इन्हें नहीं गिराया जाना चाहिए। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले को लेकर रेलवे और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगले 10 दिनों तक किसी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगा दी। कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी।
दरअसल, याचिककर्ता की ओर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अवैध बस्तियों के खिलाफ रेलवे के ओर से चलाए जा रहे अभियान को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पहले उन्हें यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट ले जाने को कहा था। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एक वकील की हत्या के कारण यूपी की सभी अदालतें आज बंद हैं। इसलिए वे आज सीधा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। इसके बाद सर्वोच्च अदालत 16 अगस्त को मामले पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया। बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस अनिरूद्ध बोस, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच कर रही है।
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सिविल कोर्ट में विचाराधीन है मामला
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास मौजूद रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण का मुद्दा फिलहाल मथुरा के सिविल कोर्ट में लंबित है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले पर अगली सुनवाई 21 अगस्त को होनी है। इसके बावजूद रेलवे के अधिकारी अदालत की अवहेलना कर बुलडोजर चला रहे हैं। उन्होंने इस मामले को भी कोर्ट में उठाने की बात कही है।
बता दें कि रेलवे द्वारा उक्त जमीन पर रह रहे बाशिंदों को एक माह के अंदर जगह खाली करने का नोटिस जून 2023 में थमाया गया था। 6 जून को जारी नोटिस की समयसीमा जुलाई में समाप्त हो गई थी। जिसके बाद रेलवे की ओर से बुलडोजर कार्रवाई शुरू की गई। जिसके बाद ये मामला लोअर कोर्ट से होते हुए अब देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है।