विधान परिषद में उठा विशेषाधिकार हनन का मामला
शून्य काल में सपा सदस्य परवेज अली ने अमरोहा नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। उनका आरोप था कि उक्त अधिकारी ने उनसे फोन पर अनुचित बात की।
लखनऊ। विधान परिषद में गुरुवार को सपा के परवेज अली द्वारा शून्यकाल में उठाये गए विशेषाधिकार हनन के मामलें में अमरोहा नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को विधान परिषद सभापति के कक्ष में शुक्रवार को तलब कर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा प्रश्नकाल में कांग्रेस के सदस्यों ने गोवंश संरक्षण संबंधी एक प्रश्न पर कांग्रेस व सत्तापक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप हुआ। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
अधिकारी ने उनसे फोन पर अनुचित बात की
शून्य काल में सपा सदस्य परवेज अली ने अमरोहा नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। उनका आरोप था कि उक्त अधिकारी ने उनसे फोन पर अनुचित बात की। उनका कहना था कि अधिकारी का कहना है कि वह सत्ता पक्ष के सदस्यों का भी फोन नहीं उठाते है। परवेज अली के प्रकरण पर शिक्षक दल समेत सपा, बसपा, कांग्रेस के सभी सदस्य एकजुट हो अधिकारी को सदन में बुलाकर स्पष्टीकरण मांगने की बात करने लगे।
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नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा कि अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संवैधानिक व्यवस्था के तहत दूसरे का पक्ष सुने बगैर कोई निर्णय नही किया जा सकता। अधिष्ठाता सुरेश त्रिपाठी ने सम्पूर्ण विपक्ष के मनोभाव को समझते हुए संबंधित अधिकारी को शुक्रवार सुबह साढे़ नौ बजे सभापति के कक्ष में बुलाने और वहीं स्पष्टीकरण का निर्देश दिया।
गोरक्षा के नाम पर गोवध का सरकार पर आरोप लगाया
इससे पहले प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह ने गोवंश आश्रय स्थल, उनके भरण पोषण और उनकी हो रही मौतों को लेकर पशुधन मंत्री लक्ष्मीनारायण से सवाल किया। मंत्री ने अपने जवाब में कुछ राजनीतिक बातें कहीं जिसका दीपक सिंह ने प्रतिवाद किया। उन्होंने गोरक्षा के नाम पर गोवध का सरकार पर आरोप लगाया। इस पर जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने कांग्रेस पर विभिन्न प्रकार के आरोप लगाये। इससे सत्ता पक्ष और कांग्रेस सदस्यों के बीच नोक-झोंक हुई। इसके बाद सरकार के जवाब से असंतुष्ट हो कर कांग्रेस सदस्यों दीपक सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सदन से वाकआउट किया।