मायावती बोलीं-नकली थे बौद्ध भिक्षु, विफल रही भाजपा प्रायोजित धम्म चेतना यात्रा

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जिन बौद्ध भिक्षुओं को सम्मानित किया गया, उनमें से भी अधिकांश भाजपा व आरएसएस के कार्यकर्ता ही नकली बौद्ध-भिक्षु बने हुए थे। मायावती ने कहा कि धम्म यात्रा का मकसद विशुद्ध रुप से राजनीतिक व चुनावी लाभ उठाना था।

Update:2016-10-14 20:38 IST

लखनऊ: यूपी में भाजपा दलित वोटों के स्वार्थ में प्रायोजित (मैनेज) बौद्ध भिक्षुओं की निकलवाई गई धम्म चेतना यात्रा बुरी तरह से विफल रही। कानपुर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस यात्रा का समापन किया, जिसमें अधिकांश भाजपा व आरएसएस के लोगों को ही नकली दलित बनाकर बैठाया गया। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर यह बात कही।

मायावती ने कहा- नकली भिक्षुओं की यात्रा

-बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जिन बौद्ध भिक्षुओं को सम्मानित किया गया, उनमें से भी अधिकांश भाजपा व आरएसएस के कार्यकर्ता ही नकली बौद्ध-भिक्षु बने हुए थे।

-मायावती ने कहा कि धम्म यात्रा का मकसद विशुद्ध रुप से राजनीतिक व चुनावी लाभ उठाना था।

-उन्होंने कहा कि भाजपा को स्वाभिमानी दलित नेतृत्व बहुत खटक रहा है। उन्हें गुलाम मानसिकता के ही दलित नेता चाहिए।

-मायावती ने कहा कि यात्रा के समापन समारोह में दलित वर्ग के लोग शामिल नहीं हुए।

-बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा प्रायोजित यह धम्म यात्रा अत्यन्त ही विवादित हो गई थी।

-इस यात्रा का जगह जगह विरोध किया गया था क्योंकि इसमें नकली दलित बनाकर लोग लाए गए थे।

-मायावती ने कहा कि इस यात्रा में लोगों का सिर मुंडवा कर और नकली बौद्ध भिक्षु बनाकर शामिल किया गया था।

-बसपा प्रमुख ने कहा कि बौद्ध धर्म को इस प्रकार राजनीति से जोड़ने का लोगों ने तीव्र विरोध किया था।

आज भी जारी है शोषण

-मायावती ने कहा कि 14 अक्टूबर के ही दिन 1956 को अम्बेडकर ने अपने अनुनाइयों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था।

-उन्होंने कहा कि उनके धर्म परिवर्तन का कारण आज भी अपने देश में विद्यमान है।

-उनके अनुयाइयों पर जातिवादी जुल्म-ज्यादती, शोषण, अत्याचार व उत्पीड़न जारी है।

-आरक्षण सहित उनके अन्य संवैधानिक व कानूनी अधिकार छीनने का प्रयास जारी है।

-सरकारी क्षेत्र की नौकरियों को इन वर्गों के लिये सीमित कर दिया गया है।

-मायावती ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देकर यहां इनके लिए नौकरियों के दरवाजे़ बन्द कर दिये गए हैं।

-प्रमोशन में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था पर पूरी तरह से विराम लगा दिया गया है।

-दलित उत्थान की योजनाओं में धन की कटौती कर लगभग निष्प्रभावी बना दिया गया है।

-मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार बौद्ध धर्म की बात व प्रशंसा केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए करती है।

-केंद्र सरकार तथागत गौतम बुद्ध के उपदेशों के विरूद्ध ही काम करती रही है।

-गौरक्षा के नाम पर पहले पूरे देश में मुसलमानों का और अब दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है।

-इसके अलावा पीएम नरेन्द्र मोदी ने लखनऊ के दशहरा कार्यक्रम में शामिल होकर धर्म का राजनीतिक व चुनावी लाभ लेने का अनुचित प्रयास किया है।

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