मायावती ने की पुलवामा हमले की निंदा, पीएम मोदी से की ये गुजारिश

मायावती ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि वह हमले के वास्तविक कारणों का पता लगने तक अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम निरस्त कर दें और चुनावी स्वार्थ एवं द्वेषपूर्ण राजनीति बंद करके इसका स्थाई हल निकालें।

Update:2019-02-15 19:24 IST
फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध की है कि वह हमले के वास्तविक कारणों का पता लगने तक अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम निरस्त कर दें और चुनावी स्वार्थ एवं द्वेषपूर्ण राजनीति बंद करके इसका स्थाई हल निकालें।

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बसपा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर जो अति-दुःखद व अति कष्टदायक एवं दिल को दहलाने वाला बड़ा आतंकी हमला हुआ है जिसमें लगभग 40 से ज्यादा जवान शहीद हुये है और जिसकी खबर मिलते ही फिर कल से पूरा देश बहुत ज्यादा गम में है व काफी ज्यादा आक्रोशित भी है, इस अति दर्दनाक व अति-चिन्ताजनक आतंकी घटना की हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निन्दा करती है और साथ ही इस दुःख व ग़म की घड़ी में शहीद हुये परिवार के साथ भी खड़ी है।

इसके साथ ही इस घटना को अति गंभीरता से लेते हुये हमारी पार्टी केंद् की सरकार से व ख़ासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी यह विनम्र अनुरोध करती है कि वे ऐसे विकट समय में अपनी केवल आज के ही नहीं बल्कि इस घटना से जुड़े इसके वास्तविक तारों तक पहुंचने तक अपने सभी राजनैतिक कार्यक्रमों को स्थगित करके और साथ ही अब अपने चुनावी स्वार्थ व द्वेषपूर्ण राजनीति को भी बंद करके तथा दुनिया के ख़ासकर सभी शान्ति व अमनपरस्त देशों को भी साथ में लेकर अब इनको इस समस्या से निपटने के लिए इसका कोई ना कोई स्थाई हल ज़रूर निकालना चाहिये।

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जबकि इस मामले में सरकार के हर कदम के साथ पूरा देश व यहां इनकी सभी विरोधी पार्टियां भी अपने सभी राजनीतिक गिले-शिकवे भुलाकर इस समय इनके साथ एकजुट होकर खड़ी हैं अर्थात् अब इनसे निपटने के लिए केवल यहां मात्र कुछ मिनटों का मौन रखने से व शोक प्रकट करने से एवं कैंडल मार्च निकालने से तथा इस घटना के विरोध में मात्र खोखली व हवा-हवाई बयानबाजी करने से और हमेशा की तरह इसकी भी कड़े शब्दों में निंदा आदि करने से भी कोरा काम चलने वाला नहीं है बल्कि इसके स्थाई हल के लिए अब यहां केन्द्र की सरकार को व ख़ासकर अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खुलकर सामने आना होगा।

इसके साथ-साथ, इस मामले में इनको अपनी सरकार की खास आईबी व अन्य और ढ़ीली-ढ़ाली चल रही मुख्य ऐजेन्सियों की कमियों को भी जरूर दूर करना होगा। वरना इस मामले में कही ज्यादा देरी होने की वजह से फिर यहां अपने देश में कोई ओर भी ज़्यादा अनर्थ ना हो जाये।

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साथ ही फिर मजबूरी में अपने देश व जवानों के हित में यहां खुद ही अपनी आर्मी को भी मैदान में उतरने की जरूरत महसूस ना हो जाये जिसे भी ख़ास ध्यान में रखकर अब केन्द्र की वर्तमान सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए इसका कोई ना कोई स्थायी हल ज़रूर निकालना चाहिये ऐसी मेरी केन्द्र सरकार से यह पुरज़ोर अपील भी है।

केन्द्र की सरकार से मृतक जवानों के परिवार वालों को समुचित अनुग्रह राशि देने के साथ-साथ उन्हें हर प्रकार की मदद देने की मांग करते हुये मायावती ने पार्टी के लोगों से भी अपील की कि वे भी पीड़ित परिवारों के साथ इस दुःख की घड़ी में एकजुटता के लिये हर संभव सहयोग करें।

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