मायावती की रैली में मची भगदड़, 2 महिलाओं की मौत, अखिलेश सरकार देगी 2 लाख का मुआवजा
लखनऊः काशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर मायावती ने राजधानी में विशाल रैली का आयोजन किया था। इस रैली में हिस्सा लेने के लिए प्रदेश भर से लाखों की संख्या में कार्यकर्ता आए हुए थे। भीड़ इतनी बढ़ गई थी की वहां भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इससे यही कहा जा सकता हैं कि इस विशाल रैली में सुरक्षा के कोई कड़े इंतेजाम नहीं किए गए थे। वहीं अखिलेश सरकार ने मृतक आश्रितों को 2 लाख का मुआवजा और घायलों के मुफ्त इलाज का एलान किया है।
आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...
कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित बसपा की रैली लखनऊ के कांशीराम इको गार्ड़न में हुई। जहां बसपा सुप्रीमो ने सपा, बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर बरसी। वहीं रैली के बाद मची भगदड़ में दो लोगो की मौत हो गई। इसमें एक का नाम शांति देवी है जो कानपुर देहात की बताई जा रही है।
दूसरी महिला अज्ञात में है, वहीं 13 लोग घायल हो गए है। इनको प्राथमिक उपचार के बाद लखनऊ लोकबंधु हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। जहां उनकी हालात नाजुक बनी हुई है। बसपा की रैली में भगदड़ और मौत ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
घायलों के नाम और शहर
-ज्ञान्ति देवी पत्नी झहरखंडी बलिया
-गोमती पत्नी मलखान लखीमपुर
-राजेस्वरी
-शारदा देवी पत्नी सुग्रीव राय / आजमगढ़
-शुमशाना देवी /लक्ष्यपाल / बलिया
-ममता / चंद्रबली / जौनपुर
-ऋचा / पुत्री मेवालाल कानपूर
-कमला वती / नंदूराम / आजमगढ़
-रामविलाश /लालटू / सीतापुर
-सौलेश्री / जगपाल / लखीमपुर
-सरस्वती पत्नी अज्ञात
-शिवकरण पुत्र रामकरण / प्रतापगढ़
क्षमता से ज्यादा थे लोग
-कांशीराम इकोगार्डन में आयोजित बसपा की रैली में प्रदेश के हर विधानसभा से हजारो की संख्या में लोग पहुचे।
-आलम यह रहा की 6 लाख से ज्यादा लोग मौजूद रहे, जबकि इको गार्डन की क्षमता 3 लाख 50 हजार ही है।
-उसके बाद भी रैली में उमड़ी भीड़ जब बसपा सुप्रीमो के भाषण के बाद निकली तो मची भगदड़ में दो लोगो की जान चली गई।
-इसमें 13 लोग घायल गए है।
-इनको प्राथमिक उपचार के बाद लोकबंधु हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
-लोकबंधु की हॉस्पिटल के डॉक्टर रमेश मिश्र ने जानकारी दी।
-दो लोगों की मौत हो चुकी है।
आगे की स्लाइड में पढ़ें 2002 में भी मची थी भगदड़...
वो 15 जनवरी 2002 की रात थी। राजधानी लखनऊ बसपा के नीले झंडे से आसमान की तरह नीला हो गया था। मौका था बसपा प्रमुख मायावती के जन्मदिन का। खूब भीड़ जुटी थी रैली स्थल पर। विपक्षियों को अपनी ताकत दिखाने के लिए काफी भीड जुटाई गई थी। बसों में भर कर बसपा कार्यकर्ता आए थे तो इसके लिए 21 ट्रेनें बुक की गई थीं ताकि कार्यकर्ताओं को आने जाने में परेशानी नहीं हो। पूरा शहर बसपा की होर्डिंग ओर मायावती के तस्वीरों से पटा हुआ था। आशियाना के रमाबाई अंबेडकर स्थल पर कार्यकर्ताओं को ठहराने का इंतजाम था।
खाने में मकई की रोटी के साथ सरसों का साग, ढोकला, डोसा, चूरमा बाटी के साथ अन्य लजीज व्यंजन दिए गए थे। विधायकों से कहा गया था कि कम से कम 10 हजार लोगों को लेकर आएं। इसीतरह विधायकों से 2 लाख और सांसदों से 5 लाख रुपए लिए गए थे । राजधानी में 6 लाख से ज्यदा लोगों की भीड़ जुटी थी ।
रैली के बाद लोटते हुए राजधानी के चारबाग स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई थी जिसे संभालना मुश्किल था । प्लेटफार्म नंबर एक से चार ओर पांच नंबर तक जाने के लिए भीड़ तेजी से ट्रेन पकड़ने के लिए एक दूसरे को धक्का देते हुए बढ़ रही थी कि भगदड़ मच गई जिसमें 12 लोग कुचल के मर गए ।