लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा है, कि 'जिस तरह एक खास पैटर्न पर डाबोलकर, गोविन्द पनसारे व एमएम कलबुर्गी की हत्या हुई, वही गोरक्षा, लव जिहाद, एंटी रोमियो, घर वापसी आदि मामलों में स्पष्ट तौर पर देखा गया। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के पीछे भी यही खास पैटर्न नजर आ रहा है। देशहित में इन मामलों के प्रति केन्द्र व राज्य सरकारों को गंभीरता दिखानी चाहिए जो कि अब तक कहीं भी देखने को नहीं मिला है। केंद्र सरकार को ऐसे लेखकों व साहित्यकारों की हत्या की जांच एनआईए से करानी चाहिए।'
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मायावती ने गुरुवार (7 सितंबर) को जारी एक बयान में कहा है, कि 'स्वतंत्र व निष्पक्ष विचारों वाले लेखकों, पत्रकारों व बुद्धिजीवियों की जिस प्रकार से एक-के-बाद-एक लगातार हत्या हो रही है। अन्य लोगों को भी देशभर में आतंकित किया जा रहा है उसकी गंभीरता को समझते हुए प्रकरण की एनआईए जांच जरूरी है, क्योंकि प्रथम दृष्टया ये सभी मामले एक बड़ी साजिश का हिस्सा लगते हैं जिसके पीछे मजबूत लोगों का दिल, दिमाग व धन लगा हुआ है। ऐसे मामलों की सिर्फ निंदा नहीं बल्कि इसमें केन्द्र सरकार को गंभीरता दिखानी होगी।'
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यह चिंता का विषय है
माया बोलीं, कि यह चिंता का विषय है। देश भर में लोग सड़कों पर निकलकर अपनी चिंताओं को प्रकट भी कर रहे हैं। अब सरकारों को अवश्य ही जाग जाना चाहिए। केन्द्र सरकार कश्मीरी नेताओं की एनआईए से जांच जाँच करवा रही है, उसी प्रकार विभिन्न राज्यों में हो रही इस लोकतंत्र-विरोधी हत्याओं व इससे जुड़ी आतंकी घटनाओं की भी जाँच एनआईए से होनी चाहिये।
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